एमआइजी -21 विमान में लगा ब्रेक पैराशूट । संस्थान
जागरण संवाददाता, कानपुर। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान मिग 21 का कानपुर से गहरा रिश्ता रहा है। इस लड़ाकू विमान के लिए कानपुर की आयुध पैराशूट निर्माणी, कैंट में 64 साल तक वायुसेना की मांग के अनुसार ब्रेक पैराशूट बनाकर सेना को दिए गए। ये ब्रेक पैराशूट विमान की आपात स्थिति में धीमी गति से और सुरक्षित लैंडिंग करने में मददगार थे। आयुध पैराशूट निर्माणी के अधिकारी व कर्मचारी मिग 21 विमान के लिए ब्रेक पैराशूट बनाने में दिए गए योगदान को याद करते हैं। हालांकि, उन्हें खुशी भी है कि वो मिग 21 के रिटायर होने के बाद अब उसके उत्तराधिकारी तेजस एलसी मार्क वन के लिए ब्रेक पैराशूट बनाने में योगदान दे रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आयुध अफसर बताते हैं कि भारतीय वायुसेना ने सोवियत संघ से वर्ष 1963 में मिग-21 लड़ाकू विमान खरीदकर अपने बेड़े में शामिल किए थे। यह देश का पहला सुपरसोनिक विमान था। वर्ष 1993 में तीन साल की मेहनत के बाद हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एडीआरडीई) एडीआरडीई के वैज्ञानिकों ने ब्रेक पैराशूट और फिर इजेक्शन सीट पैराशूट की डिजाइन तैयार की। एडीआरडीई के वैज्ञानिकों ने आयुध पैराशूट फैक्ट्री (ओपीएफ), कानपुर को डिजाइन देकर दोनों श्रेणी के पैराशूट तैयार कराए। फिर आगरा के मलपुरा ड्रापिंग जोन में सफल परीक्षण कराया गया। इसके बाद मिग-21 विमानों में पहली बार स्वदेशी पैराशूट का प्रयोग किया गया।
आयुध पैराशूट निर्माणी के अंदर प्लांट में मिग 21 के लिए ब्रेक पैराशूट बनाने वाले कर्मचारियों ने खुद को गौरवान्वित भी महसूस किया तो वहीं अब मिग 21 के उत्तराधिकारी तेजस एलसीए और सुखाई 30 एमके के लिए ब्रेक और इजेक्शन सीट पैराशूट बनाने के कार्य में जुटे हैं। रक्षा पीएसयू ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड, कानपुर के सीएमडी एमसी बालासुब्रमणियम ने कहा कि लड़ाकू विमानों के लिए विभिन्न श्रेणियों में पैराशूट बनाने की दक्षता ओपीएफ के पास है। पिछले कई वर्षों से मिग 21 के लिए ब्रेक पैराशूट बनाकर दिया योगदान अविस्मरणीय है। ओपीएफ आगे भी वायुसेना के लिए उल्लेखनीय योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।jamshedpur--election,Ghatshila by-election,East Singhbhum,voter list,final publication,election commission,new voters,youth voters,voter verification,district administration,election updates,Jharkhand news
ब्रेक और इजेक्शन सीट पैराशूट के बारे में जानें
ब्रेक पैराशूट विमान के पिछले हिस्से में लगता होता है। छोटे रनवे में उतरने के दौरान ब्रेक पैराशूट को खोल दिया जाता है। ब्रेक पैराशूट में दो पैराशूट होते हैं। यह पैराशूट एक साथ खुलते हैं। इससे विमान की गति नियंत्रित होती है और आसानी से रुक भी जाता है। सुपरसोनिक जेट विमान में पायलट सीट में पैराशूट लगा होता है। पायलट सीट को इजेक्शन सीट भी कहते हैं। सीट पायलट को विमान से बाहर निकलती है। आपात स्थिति में पायलट द्वारा जैसे ही एक बटन को दबाया जाता है, इजेक्शन सीट हवा में 100 से 150 मीटर तक ऊपर चली जाती है। कुछ देर के बाद पैराशूट खुल जाता है और पायलट की आसानी से लैंडिंग हो जाती है।
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