पोषक तत्वों की कमी: पहचानें लक्षण, अपनाएं सही आहार (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। समय पर भोजन करने और पूरी डाइट लेने के बाद भी लोगों को कुछ खास पोषक तत्वों की कमी रह जाती है। ऐसा होने से बॉडी के स्वाभाविक रूप से काम करने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है और उसके लक्षण भी स्पष्ट नजर आने लगते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन लक्षणों की पहचान कर डॉक्टर की सलाह पर सही डोज लेना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं इन 5 पोषक तत्वों की कमी से होने वाले लक्षणों की पहचान कैसे की जा सकती है।
कैल्शियम
हड्डियों को मजबूत बनाए रखने और मसल्स व नर्व के फंक्शन को नियंत्रित करने के लिए कैल्शियम बेहद जरूरी है। इसकी कमी होने से उंगलियों में सुन्नपन, झुनझुनी और धड़कनों की गति प्रभावित होती है। सामान्यतौर पर एडल्ट को हर दिन 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है। वहीं 50 की उम्र के बाद महिलाओं और 70 की उम्र के बाद पुरुषों को 1200 मिलीग्राम आवश्यक है।
- ये खाएं- वैसे तो दूध, दही में कैल्शियम काफी मात्रा में पाया जाता है, लेकिन डेयरी प्रोडक्ट पचाने में जिन लोगों को परेशानी होती है उनके लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली अच्छे स्रोत हैं।
विटामिन डी
इसे भी हड्डियों की सेहत के लिए अहम माना जाता है। कई स्टडीज में सामने आया है कि विटामिन डी के कम स्तर की वजह से ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसकी कमी से थकान, जोड़ों में दर्द, मूड में बार-बार बदलाव होना शामिल है। ज्यादातर एडल्ट को हर दिन 15 माइक्रोग्राम विटामिन डी की जरूरत होती है।
- ये हैं अच्छे स्रोत- फोर्टिफाइड मिल्क, दही, मछली और पर्याप्त धूप से आपको विटामिन डी की सही खुराक मिल सकती है।
पोटेशियम
यह आपके हार्ट, नर्व्स और मसल्स को सही तरीके से काम करने में मदद करता है। साथ ही ब्लड प्रेशर के हेल्दी स्तर को बनाए रखने में भी कारगर है। इसकी कमी से मांसपेशियों में कमजोरी, ऐंठन, कब्ज, हाथ-पैरों में झुनझुनी और सुन्नपन, धड़कनें अनियमित होने, जैसे लक्षण नजर आते हैं।
- इनमें होता है पोटेशियम- केला, दूध, दालें और राजमा जैसी चीजों में काफी मात्रा में पोटेशियम होता है। पुरुषों को जहां प्रतिदिन 3400-3500 मिलीग्राम पोटेशियम चाहिए वहीं महिलाओं को 2,600 मिलीग्राम की जरूरत होती है।
आयरन
रेड ब्लड सेल्स के निर्माण और हीमोग्लोबिन के लिए आयरन बेहद जरूरी है, जिससे पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचता है। आयरन का स्तर कम होने से एनीमिया की शिकायत हो जाती है। इसकी वजह से कमजोरी और थकान महसूस होती है, सांस लेने में परेशानी या धड़कनों के तेज होने की शिकायत होने लगती है। इसके साथ ही त्वचा का रंग फीका पड़ जाना, सिरदर्द, हाथ-पैर ठंडे महसूस होना, जीभ में सूजन और नाखूनों के टूटने जैसे लक्षण नजर आते हैं।
- ऐसे पूरी हो सकती है कमी- दालों, पालक, बीन्स में आयरन पाया जाता है। 50 से अधिक उम्र की महिलाओं को जहां 50 मिलीग्राम हर दिन जरूरी होता है वहीं इससे कम उम्र की महिलाओं को 18 ग्राम।
विटामिन बी12
रेड ब्लड सेल्स और डीएनए के निर्माण में विटामिन बी12 मदद करता है। शाकाहार और वीगन लोगों को विटामिन बी12 की कमी का खतरा ज्यादा रहता है, क्योंकि पौधे इसे बना नहीं पाते। इसकी कमी की वजह से थकान, कमजोरी, जीभ में सूजन या उसका लाल नजर आना, याददाश्त का कमजोर हो जाना और सोचने-समझने की क्षमता पर प्रभाव पड़ने जैसे लक्षण नजर आते हैं।
- इनमें पाया जाता है विटामिन बी12
आमतौर पर यह एनिमल प्रोडक्ट्स में पाया जाता है जैसे मछली, चिकन। वहीं दूध और दही भी विटामिन बी12 के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। हालांकि, अपने डॉक्टर की सलाह पर आप सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।
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