राज्य ब्यूरो, लखनऊ। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार निर्यातकों को माल भाड़े पर आने वाले खर्च का 30 प्रतिशत या 150 रुपये प्रति किलो की दर से, इनमें से जो कम हो, आर्थिक सहायता देगी।
उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025-30 के तहत यह सुविधा कृषि व औद्योगिक उत्पादों के निर्यातकों को प्रदान की जाएगी। इस संदर्भ में एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने शासनादेश जारी कर दिया है।
शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि निर्यात की प्रक्रिया को सरल करने के लिए वायुयान भाड़ा योजना के तहत निर्यातकों को यह लाभ दिया जाएगा। योजना का लाभ लेने के लिए निर्यातकों को 180 दिनों के भीतर आवेदन करना होगा। निर्यात की तिथि से 180 दिन बाद आने वाले आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
निर्यातक आवेदन के दो सप्ताह के भीतर संशोधन कर सकेंगे। अपर मुख्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया है कि निर्यातकों द्वारा किए जाने वाले आवेदनों को जिला उपायुक्त उद्योग द्वारा तीन सप्ताह के भीतर परीक्षण करके निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो को भेजना होगा।
निर्यात आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति आवेदनों को स्वीकृति प्रदान करेगी। समिति में निदेशक कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार विभाग, वित्त नियंत्रक उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय, संबंधित जिलों के उपायुक्त उद्योग सदस्य होंगे।
इसके अलावा अपर या संयुक्त आयुक्त निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो सदस्य सचिव होगा। माल भाड़े की राशि निर्यातकों के खाते में आनलाइन भेजी जाएगी। इसके साथ ही सरकार ने निर्यात क्रेडिट इंश्योरेंस समर्थन योजना शुरू करने का निर्णय किया है। योजना में एमएसएमई अधिनियम-2006 में आने वाली सभी इकाइयां पात्र होंगी। |