चंडीगढ़ से निकलते ही जीटी रोड पर अंबाला की तरफ जाते हैं तो प्रदूषण भी बढ़ता जाता है।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़। जहरीली हवा से सांसों पर संकट गहराता जा रहा है। देश के बड़े शहरों की हालत प्रदूषण से बेहद खराब है, लेकिन चंडीगढ़ में हवा की गुणवत्ता अब भी इन शहरों से काफी बेहतर है।
रविवार को चंडीगढ़ में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) लेवल येलो जोन में रहा। एक्यूआई 113 प्रति क्यूबिक घन मीटर दर्ज किया गया। वहीं चंडीगढ़ से देश की राजधानी दिल्ली की तरफ बढ़ते हैं तो महज 50 किलोमीटर पर हवा चंडीगढ़ से दोगुनी प्रदूषित है। हरियाणा के अंबाला शहर का एक्यूआई रविवार सुबह 222 दर्ज किया गया। राजधानी दिल्ली की हालत तो इससे भी बहुत खराब है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ग्रीन कवर एरिया बढ़ा, तभी प्रदूषण से बचाव
अमूमन शहरीकरण बढ़ता है तो ग्रीन कवर कम होता जाता है। इससे पर्यावरण संतुलन बिगड़ता है और हवा पानी सबकी गुणवत्ता प्रभावित होती है। देश के पहले नियोजित शहर चंडीगढ़ की यही एक सबसे बड़ी खासियत है कि यहां शहरीकरण के बावजूद ग्रीन कवर कम होने की बजाए बढ़ रहा है। पिछले पांच वर्ष में ही ग्रीन कवर पांच से छह प्रतिशत तक बढ़ चुका है। चंडीगढ़ का कुल ग्रीन कवर इस समय कुल भौगोलिक क्षेत्र का 50 प्रतिशत से अधिक है।
रविवार सुबह क्या कितना एक्यूआई
- चंडीगढ़-113
- अंबाला-222
- दिल्ली-389
- गाजियाबाद-360
- नोएडा-360
- बहादुरगढ़-437
ठंड बढ़ने से और बढ़ेगा प्रदूषण
तापमान लगातार कम हो रहा है। चार दिनों से ठंड काफी बढ़ रही है। अगले कुछ दिनों में पारा और गिरेगा। इसके साथ ही प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा। चंडीगढ़ में भी नवंबर के आखिर तक एक्यूआइ बढ़कर 300 तक पहुंच सकता है। हालांकि इस बीच एक बारिश अगर हो जाए तो यह संजीवनी से कम नहीं होगी।
वर्षा होने पर हवा में तैरते प्रदूषण के घटक पर्टिक्यूलेट मैटर-2.5 और पीएम-10 जमींदोज हो जाएंगे। इससे हवा साफ होगी। फिलहाल यह कह सकते हैं दूसरे शहरों के मुकाबले चंडीगढ़ की हवा संतोषजनक है। केवल सांस संबंधी परेशानियों से जूझ रहे लोगों को इसमें थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत विशेषज्ञ बता रहे हैं। |