मौसम में बदलाव के बाद अस्पताल में भर्ती मरीज व मौजूद उनके परिजन। जागरण
संवाद सहयोगी, दरभंगा। बिहार के दरभंगा जिले में मौसम में बदलाव के साथ ही बच्चों में बीमारी का प्रकोप बढ़ा है। गंभीर बीमारियों से जूझ रहे नवजात से लेकर बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। विभाग फिलहाल अलर्ट मोड में है और डाक्टरों व नर्सिंग स्टाफ की टीम देखभाल में जुटी है। हालांकि स्वजन को बाहर से भी कुछ दवाएं खरीदनी पड़ रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जटिल बीमारियों से ग्रसित बच्चों का किया जा रहा इलाज
50 से अधिक बच्चे दरभंगा मेडिकल कालेज अस्पताल (डीएमसीएच) के शिशु विभाग में भर्ती हैं। एनआईसीयू-वन में कुल 13 और एनआईसीयू-टू में 18 नवजात शिशु भर्ती हैं। इन दोनों इकाइयों में जन्म से लेकर 28 दिन तक के बच्चों को रखा जाता है। यहां बाड़मर मशीन, वेंट मशीन और फोटोथेरेपी जैसी आधुनिक सुविधाओं के जरिए जान्डिस और अन्य जटिल बीमारियों से ग्रसित बच्चों का इलाज किया जा रहा है।
ड्यूटी पर मौजूद डाक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि अब तक किसी भी बच्चे के साथ अप्रिय घटना नहीं हुई है और सभी का देखभाल मानक के अनुसार किया जा रहा है। इसके अलावा शिशु विभाग में बने एईएस वार्ड में पांच, एनआरसी में आठ और पीआईसीयू में छह बच्चे भर्ती हैं। यानी कुल 19 बच्चे इन वार्डों में इलाजरत हैं, जिनमें अधिकांश चमकी और बुखार से पीड़ित हैं। एक बच्चे को बाड़मर मशीन पर रखा गया है।
बार-बार चमकी और बुखार आने पर दोबारा कराया भर्ती
बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के करहारा बिरदीपुर निवासी मोहम्मद इरफान का दो वर्ष का पुत्र मोहम्मद दिलशाद भर्ती है। उसके माता-पिता ने बताया कि बच्चे को बार-बार चमकी और बुखार आता है। पहले भी आठ दिन के लिए भर्ती कराया गया था, लेकिन सुधार न होने पर बुधवार को फिर से भर्ती करना पड़ा।
पिता मोहम्मद इरफान और मां शबनम परवीन इलाज से असंतुष्ट दिखे। घनश्यामपुर थाना क्षेत्र के बिरौल सुपौल निवासी मोहम्मद अली इमाम का एक वर्षीय पुत्र मोहम्मद अलीयान रविवार से भर्ती है। निमोनिया और बुखार से ग्रसित था, अब कुछ सुधार दिख रहा है। मधुबनी जिला के अरेर थाना क्षेत्र के नरही निवासी बबलू मंडल की आठ वर्ष की पुत्री सोनाक्षी 30 अक्टूबर से भर्ती है। बच्ची को चमकी, बुखार और निमोनिया था। डाक्टरों ने बताया कि अब उसे ब्रेन टीबी है।
बुखार में कमी आई है, लेकिन कुछ दवा बाहर से खरीदनी पड़ रही है। मां ज्ञानती देवी ने बताया कि बच्ची हमेशा जीभ बाहर निकालती रहती है। वह उसे प्रांगण में बैठाकर मन बहलाने की कोशिश कर रही थीं।
ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से चमकी और बुखार का प्रकोप बढ़ा है। इसी कारण विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड में है। ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स व स्वजन ने भी बताया करीब करीब दवा सभी तरह की मिल जाती है कुछ दवा को बाहर से खरीद कर लाना पड़ता है। |