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स्कूल में लंच खत्म नहीं करता बच्चा, घर पर खा रहा जरूरत से ज्यादा खाना, इसके लिए मोबाइल हो सकता है जिम्मेदार_deltin51

Chikheang 2025-9-28 02:36:42 views 1223

  तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। जागरण





जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। स्कूल में लंच न खत्म करने वाले बच्चे अगर घर पर ज्यादा खाना खा रहे हैं तो सतर्क होने की जरूरत है। फोन देखकर बच्चे बेहिसाब खाना खाकर स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहे हैं। छह से 10 वर्ष के बच्चे जो स्कूल में दो पराठे नहीं खत्म कर पाते। वे घर पर फोन देखते समय चार से पांच पराठे खत्म कर रहे हैं। बच्चों की बढ़ती डाइट को लेकर परेशान अभिभावक चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

कल्याण सिंह राजकीय मेडिकल कालेज से संबद्ध जिला अस्पताल के मनोविज्ञान कक्ष में आए दिन अभिभावक बच्चे द्वारा अधिक खाना खाने की शिकायत लेकर पहुंचते रहते हैं। मेडिकल कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा. विवेक गुप्ता ने बताया कि अभिभावक आकर बताते हैं कि बच्चा स्कूल से घर आता है तो टिफिन चेक करते हैं।



टिफिन में दो में से एक पराठा या डेढ पराठा बचा मिलता है। घर आते ही मोबाइल उठाता है और चार से छह तक रोटी या पराठे खा जाता है। इसके चलते बेटे का पेट भी निकल रहा है। अब तक बच्चा उकड़ू भी नहीं बैठ पा रहा हैं। इसमें कक्षा एक से कक्षा छह तक के बच्चों की संख्या ज्यादा है। मेडिकल कालेज के बाल रोग विशेषज्ञ डा. ओमप्रकाश ने बताया कि फोन देखकर खाना खाते समय दिमाग डायवर्ट रहता है।  

बच्चा खाना खाते चला जाता है और उसे पता नहीं चलता। ये आदत व्यस्कों में भी है। ये एक तरह का एडिक्शन ही है। ऐसे में नार्मल वजन से कम और अधिक, दोनों ही तरह के बच्चे कुपोषण की श्रेणी में आते हैं। डिप्टी सीएमओ डा. प्रवीण कुमार ने बताया कि स्क्रीन देखकर खाना खाने की लत एक तरह की बीमारी बनती जा रही है। फोन देखते हुए खाना खाने पर बच्चों का ध्यान खाने की क्वालिटी और क्वांटिटी पर नहीं रहता। जिसका सीधा प्रभाव उसकी उसके शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है।




ये करें उपाय

बच्चे की मोबाइल और टीवी से दूरी बनाएंjammu-common-man-issues,AIIMS Jammu, genomic testing, cancer patients in Jammu, affordable healthcare Jammu, Health Services in Jammu, Precision medicine in Jammu, Rare genetic disorders Jammu, Oncology services Jammu, Dr Shakti Gupta AIIMS,Jammu and Kashmir news   

बच्चों को ध्यान से खाने की आदत डालें।

बच्चों को ब्रेकफास्ट हैवी दें। उनमें फल भी रखें।

बच्चों को नियमित भोजन का समय निर्धारित करें।

परिवार के साथ बैठकर बच्चा खाएगा तो उसे दिक्कत नहीं महसूस होगी।

शारीरिक गतिविधियों वाले कामों में बच्चे को ज्यादा से ज्यादा लगाएं।



Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डाक्टर से सलाह लें।





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