क्या दाल का झाग सच में नुकसानदायक है? जानें एक्सपर्ट की राय (Image Source: AI-Generated)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय भोजन में दाल की अहमियत किसी परिचय की मोहताज नहीं है। हर जगह दाल का स्वाद और पोषण हमारी थाली को पूरा करता है, लेकिन अक्सर जब दाल पकती है, तो ऊपर सफेद या हल्के पीले रंग का झाग बनने लगता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कई लोग इसे देखकर असमंजस में पड़ जाते हैं और सोचते हैं कि कहीं यह सेहत के लिए हानिकारक तो नहीं (Is Dal Foam Unhealthy)। कुछ लोग तो झाग को हटा देते हैं, जबकि कुछ इसे ऐसे ही रहने देते हैं। तो आखिर सच्चाई क्या है? आइए इस आर्टिकल में न्यूट्रिशनिस्ट लीमा महाजन की मदद से जानते हैं।
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क्यों बनता है दाल में झाग?
जब हम दाल पकाते हैं तो उसमें मौजूद स्टार्च, प्रोटीन और सैपोनिन्स पानी में घुलकर झाग बनाने लगते हैं। यह झाग किसी भी तरह का हानिकारक तत्व नहीं है।
क्या होते हैं सैपोनिन्स?
सैपोनिन्स पौधों में पाए जाने वाले नेचुरल एंजाइम हैं। इन्हें पौधे अपने बचाव के लिए बनाते हैं ताकि कीड़े-मकोड़े और रोगाणु उन पर हमला न कर सकें। चूंकि दालें भी पौधों से आती हैं, इसलिए इनमें सैपोनिन्स का होना नॉर्मल है। जी हां, हमारे शरीर के लिए ये तत्व नुकसानदायक नहीं बल्कि कई मामलों में फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
क्या सेहत के लिए हानिकारक है यह झाग?
अक्सर लोग इसे यूरिक एसिड या कोई टॉक्सिन्स मान लेते हैं, जबकि यह पूरी तरह गलतफहमी है। यह झाग न तो जहरीला है और न ही किसी बीमारी की वजह बनता है। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि इसमें मौजूद सैपोनिन्स, स्टार्च और प्रोटीन की थोड़ी मात्रा शरीर के लिए लाभकारी भी हो सकती है।
- यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं।
- शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने में मददगार हो सकते हैं।
- ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने में मददगार हो सकते हैं।
- गट हेल्थ और इम्युनिटी पर भी पॉजिटिव असर डाल सकते हैं।
इसलिए अगली बार जब दाल पकाते समय झाग दिखे, तो उसे देखकर घबराने की जरूरत नहीं है।
दाल से झाग कम करने के घरेलू उपाय
हालांकि झाग नुकसानदायक नहीं है, फिर भी अगर आपको यह पसंद नहीं आता, तो इन आसान तरीकों से इसे कम किया जा सकता है:
भिगोकर पकाएं दाल
दाल को पकाने से पहले धोना और कुछ घंटे भिगोना झाग बनने की संभावना को काफी हद तक कम कर देता है।
- मूंग दाल (बिना छिलके), मसूर लाल, अरहर दाल - 30 मिनट
- मूंग छिलका, उड़द छिलका, चना दाल - 2 से 4 घंटे
- साबुत मूंग, मसूर, उड़द, लोबिया, मटकी - 6 से 8 घंटे
- राजमा, सफेद चना, काला चना - रातभर
- घी डालें - दाल पकाते समय एक छोटा चम्मच घी डाल देने से झाग की मात्रा घट जाती है। इसके अलावा दाल का स्वाद और सुगंध भी कई गुना बढ़ जाती है।
धीमी आंच पर पकाएं
दाल को तेज आंच पर उबालने से झाग जल्दी और ज्यादा बनता है। धीमी आंच पर पकाने से झाग कम रहता है और दाल अच्छी तरह गलती भी है।
दाल खाने के फायदे
- प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स: वेजिटेरियन्स के लिए दाल प्रोटीन की सबसे अच्छी आपूर्ति करती है। यह शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करती है।
- फाइबर से भरपूर: दालों में मौजूद फाइबर पाचन को दुरुस्त रखता है और कब्ज जैसी समस्या से बचाव करता है।
- एनर्जी मिलती है: इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट शरीर को एनर्जी देते हैं और दिनभर एक्टिव बनाए रखते हैं।
- वजन कंट्रोल करने में मददगार: दाल पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखती है, जिससे ओवरईटिंग की आदत कम होती है।
- हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद: नियमित रूप से दाल का सेवन दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम करने में मददगार हो सकता है।
- विटामिन और मिनरल्स: इसमें आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और बी-विटामिन्स जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
दाल का झाग एक नेचुरल प्रोसेस है और इससे डरने या घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। यह न तो शरीर के लिए हानिकारक है और न ही किसी बीमारी का कारण बन सकता है। बल्कि दाल का नियमित सेवन हमारी सेहत के लिए कई तरह से लाभकारी है। अगर आपको झाग हटाना ही है तो धोकर, भिगोकर और पकाते समय थोड़ा घी डालकर आसानी से इसे कम किया जा सकता है।
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