deltin33 • 2025-11-6 14:36:51 • views 532
राजधानी से पहुंची टीम।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। प्रमुख लोहा कारोबारी एलडी गोयल की हाथरस व अलीगढ़ स्थित फैक्ट्रियों पर वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीजीआई) की टीम की छापामार कार्रवाई अभी जारी है। मंगलवार को तीन फैक्ट्रियों व आवास पर कार्रवाई की शुरूआत की थी, मगर मंगलवार की देर रात गोयल की कासिमपुर रोड स्थित एक और फर्नेस फैक्ट्री पर भी छापा मारा गया। बुधवार को दिनभर टीमों में दस्तावेज खंगाले। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पिछले 36 घंटे से देर रात तक लखनऊ से आई कई टीमें कर रही हैं जांच
कर्मचारियों व फैक्ट्रियों के प्रबंधन से जुड़े लोगों से पूछताछ की। लगातार 36 घंटों के बाद भी किसी को आने-जाने नहीं दिया जा रहा। जांच अधिकारियों द्वारा डिजीटल डाटा को अपलोड किया जा रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी डिलीट किए गए डाटा को वापस करने में आ रही है। जिन बोगस फर्म से खरीद-फरोख्त की गई है, उनके कागजात भी एकत्रित किए जा रहे हैं।
लखनऊ से सुबह वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच में जुटे अधिकारियों से ली जानकारी
इन कागजात के आधार पर शाम को अमित स्क्रैप ट्रेडिंग फर्म पर भी छापा मार दिया गया। रात तक पांच फैक्ट्रियों व आवास पर कार्रवाई में 70 से अधिक अधिकारी जुटे हुए रहे। गुरुवार को भी जांच जारी रहने की संभावना है। एक अधिकारी के अनुसार 20 करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी पकड़ने जाने पर आपोपित उद्यमी की गिरफ्तारी का प्रविधान है। इस कार्रवाई से भी इन्कार नहीं किया जा सकता।
टीम ने किया है सर्वे
सुबह लखनऊ से वरिष्ठ अधिकारी ताला नगरी सेक्टर दो स्थित एलडी गोयल स्टील प्राइवेट लिमिटेड पर पहुंचे। यह शाम पांच बजे तक रूके। इसके बाद यहां से चले गए। कासिमपुर के निकट स्थित गोयल व उनके परिवार की फर्नेस फैक्ट्री में भी टीम जुटी हुई है। बताया गया है कि इस फैक्ट्री में प्रतिदिन 200 टन गार्डर, सरिया व अन्य उत्पाद बनकर देशभर के विभिन्न राज्यों के शहरों में आपूर्ति किए जाते हैं। खैर रोड जलालपुर स्थित अमित स्क्रैप ट्रेडर्स के प्रतिष्ठान पर भी राज्य एवं सेवाकर की एसआईबी टीम ने सर्वे किया है।
बोगस फर्मों से खरीद के दस्तावेज मिले
बताते हैं कि इस फर्म के स्वामी अमित अग्रवाल ने एलडी गोयल व उनके परिजनों से कारोबारी लेनदेन किया है। इसी को आधार मानते हुए देर शाम डीजीजीआई टीम के चार कारों में भरकर अधिकारी पहुंच गए। अमित ट्रेडिंग पर तीन वर्ष पहले भी सीजीएसटी की टीम ने छापा मारा था। तब भी उनके गूलर रोड निकट लक्ष्मी टाकीज स्थित मुख्य कार्यालय व गोदाम पर छापा मारा था। तब बोगस फर्मों से खरीद फरोख्त दिखाकर इन पुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने के दस्वावेज मिले थे।
सुबह राज्य एवं सेवाकर की एसआइबी टीम ने अमित ट्रेडर्स के यहां सर्वे किया। टीम ने परिसर को कब्जे में लेकर जांच प्रारंभी की। संदिग्ध पर्चे व कुछ फर्मे से लेन देन, माल का स्टाक, लोड माल के ई वे बिल की जांच भी की। यह टीम शाम छह बजे तक जांच करती रही। इसके बाद इस टीम ने पैकअप किया ही था, कि कुछ घंटे बाद ही डीजीजीआई की टीम ने छापा मार दिया। जहां टीम देर रात क जांच कर रही है। कारोबारियों से टीम किसी की बात नहीं होने दे रही है।
तीन वर्ष पहले सीजीएसटी ने मारा था छापा, 48 करोड़ की निकाली थी डिमांड
डीजीजीआई की टीम एलडी गोयल के परिजन व पार्ट्नर पर यू ही शिकंजा नहीं कस रही। इस जांच टीम ने उद्यमियों की पुरानी कुंडली भी खंगाली है। तीन वर्ष पहले भी सीजीएसटी की टीम ने एलडी गोयल व उनके परिजन व पार्ट्नर वाली फर्मों पर कार्रवाई के समय बडा गोल माल पाया है। एक अधिकारी के अनुसार तब गोयल की फर्म व कंपनियों पर 48 करोड़ रुपये की विभाग ने डिमांड निकाली थी। हालांकि एलडी गोयल की कई फर्मों का पंजीकरण तब वैट व अब जीएसटी में भी था। कई फर्म विभाग ने बर्खास्त कर दीं।
देनदारी आधी की करते हैं बात
वहीं दूसरी ओर इस तरह की कार्रवाई के जद में आने वाले संदिग्ध व शातिर कारोबारी अपील में चले जाते है। यहां देनदारी आधी रह जाती है। इसके बाद यह ट्रब्यूनल में जाते हैं। यहां भी सांठ गांठ कर देनदारी और कम कर दी जाती है। इसके बाद इस तरह के कारोबारी हाई कोर्ट का दरबाजा खटखटाते है। तब तक न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े पैरोकारी अधिकारी शिथिल हो जाते हैं। सख्त पैरोकारी पर आराेपित लाभ उठाते हैं।
आगरा का मूल निवासी है गोयल परिवार
गोयल परिवार आगरा का मूल निवासी है। इनकी पैत्रिक शहर में सरिया, गार्डर व फर्नेस की फैक्ट्रियां थीं। टीटी जेड के बाद अति प्रदूषणकारी इकाईयों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बंद करने या क्षेत्र से बाहर उत्पाद इकायों को शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। तब गोयल परिवार 1998 में अलीगढ़ आया था। अमित गोयल के पिता मूलचंद्र गोयल ने अन्य स्वजन के साथ झम्मन लाल सरिया मिल, एलडी गोयल रोलिंग मिल के अलावा सासनी में बालाजी फर्नेस फैक्ट्री डाली। केंद्रीय उत्पाद शुल्क व सीमा शुल्क विभाग (अब सेंट्रल जीएसटी) ने इनके यहां कई बार सर्वे भी किए।
2011 में गौंडा रोड पर डिगसी के पास भोले कांकनेस्ट प्राइवेट लिमिटेड नाम से दो राठी परिवार और गोदानी परिवार के साथ फर्नेस फैक्ट्री खोली। आठ माह बाद दोनों साझीदार अलग हो गए। फैक्ट्री का संचालन अमित गोयल ने अपने हाथ में ले लिया। ये फैक्ट्री वर्ष 2012-13 में बंद हो गई। केंद्रीय उत्पाद शुल्क व सीमा शुल्क विभाग ने कई बार सर्वे, छापे मारे। राज्य कर विभाग (स्टेट जीएसटी) में तत्कालीन ज्वाइंट कमिश्नर एसआइबी गुलाब चंद ने पहले ही अमित गोयल की फर्म मेसर्स भोले कानकेस्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स अमित ट्रेडर्स और नमन ट्रेडर्स को कैंसिल किया जा चुका है। |
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