GST News : पेपर इंडस्ट्री को GST के मोर्चे पर राहत के आसार नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय एक्सरसाइज नोटबुक के दाम बढ़ने, मैन्युफैक्चरर्स का इनपुट टैक्स क्रेडिट अटकने और पेपर इंपोर्ट में बढ़ोतरी की दलीलों से सहमत नहीं है। लिहाजा इंडस्ट्री की पेपर पर 18 फीसदी के बजाय 5 फीसदी GST लगाने की मांग पर फिलहाल कोई फैसला होता नहीं दिख रहा है। ऐसे में एक्सरसाइज नोटबुक पर फुल GST एग्जम्पशन जारी रहेगा। वित्त मंत्रालय के मुताबिक रॉ-मटेरियल पर 18 फीसद GST से दिक्कत नहीं है। अनकोटेड पेपर और पेपरबोर्ड के सप्लाई मैकेनिज्म की ट्रैकिंग आसान है।
पेपर इंडस्ट्री ने की थी रॉ-मटेरियल पर यूनिफॉर्म 5 फीसदी GST की मांग
इस मुद्दे पर कई दौर की बैठक के बाद टॉप लेवल पर ये फैसला हुआ है। बता दें कि पेपर इंडस्ट्री ने रॉ-मटेरियल पर यूनिफॉर्म 5 फीसदी GST की मांग की थी। इंडस्ट्री के मुताबिक इंपोर्ट बढ़ने से घरेलू इंडस्ट्री को नुकसान की आशंका हैं। पेपर इंडस्ट्री का कहना है कि नोटबुक पर GST जीरो करने के बावजूद इसके दाम 4 से 5 फीसदी बढ़ सकते हैं।
इस मुद्दे पर CNBC-आवाज़ से खास बातचीत में JK पेपर के प्रेसिडेंट और डायरेक्टर ए एस मेहता ने कहा कि कच्चे माल पर 18 फीसदी GST, इनपुट टैक्स क्रेडिट हटाने और सस्ते इंपोर्ट से पेपर इंडस्ट्री की लागत महंगी होगी। उन्होंने आगे कहा कि नोटबुक पर 0% GST के बावजूद पेपर के दाम बढ़ेंगे। इससे नोटबुक के दाम में 4-5 फीसदी की बढ़ोतरी संभव है। कच्चे माल पर 18 फीसदी GST से लागत बढ़ी है। इनपुट टैक्स क्रेडिट हटाने से इंडस्ट्री को नुकसान हुआ है। सस्ते पेपर इंपोर्ट से भी इंडस्ट्री को नुकसान हो रहा है। सरकार से पेपर इंपोर्ट पर एंटी डंपिंग ड्यूटी की मांग है।