Delhi-NCR में प्रदूषण बेकाबू: कई इलाकों में AQI 500 के पार, GRAP-3 की पाबंदियां रहीं बेअसर
/file/upload/2025/11/5002056981148183200.webpसड़कों पर धूल सेंसर लगाने पर विचार कर रहा है सीएक्यूएम एनसीआर। pic credit-ANI
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर की हवा एक बार फिर लोगों की सांसों पर बोझ बन गई है। तापमान में गिरावट, हवा की गति धीमी होने और लगातार बढ़ते प्रदूषण स्रोतों के कारण राजधानी दिन-ब-दिन धुंध की मोटी चादर में लिपटती जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, रोज़ाना बढ़ता पीएम 2.5 और पीएम 10 स्तर इस बात का संकेत है कि दिल्ली की हवा अब खतरनाक श्रेणी को पार कर ‘गंभीर’ स्थिति में पहुंच गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस बीच, कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बेहद खराब स्तर पर दर्ज किया गया। वजीरपुर 556 AQI के साथ सबसे अधिक प्रदूषित रहा, वहीं सोनिया विहार में 500 और बुराड़ी में 477 दर्ज किया गया। ये आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि प्रदूषण का बोझ पूरे NCR पर समान रूप से बढ़ रहा है।
Delhi-NCRके कुछ प्रमुख इलाकों का हाल
Air Quality Index (AQI) at Key Monitoring Stations
Station Name AQI
वजीरपुर
556
सोनिया विहार
500
बुराड़ी
477
रोहिणी
473
सत्यवती कॉलेज
469
इंदिरापुरम
459
चांदनी चौक
450
वसुंधरा (गाजियाबाद)
449
नोएडा सेक्टर-125
446
नोएडा सेक्टर-116
444
सोर्स- https://aqicn.org/
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए CAQM (Commission for Air Quality Management) अब NCR की मुख्य सड़कों पर डस्ट सेंसर लगाने पर विचार कर रहा है, ताकि सड़क धूल की वास्तविक निगरानी हो सके और स्रोतों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। अधिकारियों का मानना है कि सड़क धूल और निर्माण कार्यों में लापरवाही, प्रदूषण को लगातार बढ़ा रही है।
Delhi pollution: CAQM mulls dust sensors on NCR roads to monitor toxic air
Read @ANI Story | https://t.co/Ntis511cdX#Delhipollution #NewDelhi #CAQM pic.twitter.com/Tv9PwUVApc— ANI Digital (@ani_digital) November 15, 2025
Grap-3 के नियमों का उल्लंघन
इसके बावजूद, GRAP-3 लागू होने के बावजूद एजेंसियां सख्ती दिखाने में नाकाम रहीं। निर्माण स्थलों पर रोक, पानी का छिड़काव, सड़क सफाई—इन सभी मोर्चों पर कई विभाग फेल साबित हुए हैं। नतीजा यह कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए बनाए गए प्रावधान कागजों तक ही सीमित दिखाई देते हैं, जबकि जमीन पर हवा और ज़्यादा जहरीली होती जा रही है।
सरकारी एजेंसियों की लगातार चूक और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच, दिल्ली-एनसीआर की हवा आने वाले दिनों में और बिगड़ सकती है, जो लोगों की सेहत के लिए बड़ी चिंता का विषय है।
Pages:
[1]