पराली जलने पर 26 क्लस्टर अधिकारियों को नोटिस। सांकेतिक फोटो
जागरण संवाददाता, जालंधर। जिले में पराली जलने की घटनाओं पर सख्त रख अपनाते हुए जिला प्रशासन ने फील्ड में काम कर रहे 26 क्लस्टर अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में प्रशासन ने पूछा है कि फील्ड में टीमों के होने के बावजूद पराली कैसे जली? विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अब फील्ड में तैनात अधिकारी बताएंगे कि जब पराली जली वे कहां थे। हालांकि कार्रवाई अधिकारियों के जवाब के बाद ही होगी। संभवतः यह रिपोर्ट उनकी सर्विस बुक में दर्ज हो सकती है।
सबसे अधिक पराली जलाने की घटनाएं शाहकोट सब डिविजन के मेहतपुर और लोहिया में हुईं, यहां पराली जलाने के सात मामले सामने आए। इसके अलावा करतारपुर, नूरमहल, भोगपुर में एक-एक और नकोदर में दो मामले आए।
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शुक्रवार शाम तक 34 मामले सैटेलाइट से रिपोर्ट हुए। अभी तक पराली जलाने के 12 मामलों में कार्रवाई की गई है। कई मामलों की जांच जारी है।
शुक्रवार को अधिकतम एक्यूआइ 302 रहा जो वीरवार से कम था। पराली जलाने के मामलों में अभी केवल रेड एंट्री और जुर्माना वसूला जा रहा है। वीरवार तक 16 की रेड एंट्री थी जो शुक्रवार को बढ़कर 19 हो गई है।
इस तरह कर रहे मानिटरिंगजिले में छह सब डिविजन हैं जिसमें जालंधर-वन, जालंधर-टू, शाहकोट, नकोदर, आदमपुर और फिल्लौर शामिल हैं। सब डिविजन के एसडीएम अपनी टीमों के साथ पराली जलने की मानिटरिंग करते हैं। सैटेलाइट से सूचना मिलने के बाद टीमें मौके पर जाकर आग लगने के कारणों की जांच करती हैं।
टीम में पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कर्मी, कृषि विभाग के कर्मचारी, पटवारी, पुलिस कर्मी शामिल होते हैं। एसडीएम मौके के मुताबिक ड्यूटी तय करते हैं। इसके अलावा, क्लस्टर अधिकारी गांव की पंचायतों के साथ संपर्क में रहते हैं। जहां लापरवाही पाई गई, सब डिविजन के एसडीएम ने टीम के सदस्यों को नोटिस जारी कर कारण पूछा है।
पिछले पांच दिनों का एक्यूआइ
साप्ताहिक आँकड़े
दिन मान
सोमवार
163
मंगलवार
307
बुधवार
312
वीरवार
317
शुक्रवार
302
सैटेलाइट रिपोर्ट पांच वर्षों में स्थिति बेहतर (31 अक्टूबर तक)
वार्षिक मामले (2021–2025)
वर्ष मामले
2021
453
2022
676
2023
171
2024
32
2025
34
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