करगहर में बदला समीकरण, पासवान-राजपूत और कुशवाहा वोटर बनेंगे किंगमेकर?
मुन्ना पांडेय, परसथुआ (रोहतास)। तीन प्रखंड के 40 पंचायतों को मिलाकर गठन किया गया करगहर विधानसभा का जातीय समीकरण पूरी तरह से बदल चुका है। 2020 के विधानसभा चुनाव में त्रिकोणीय लड़ाई हुई थी। इसमें महागठबंधन के कांग्रेस उम्मीदवार संतोष मिश्र ने एनडीए के जदयू उम्मीदवार वशिष्ठ सिंह (कुर्मी) को लगभग चार हजार मतों से हराकर जीत हासिल की थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कांग्रेस उम्मीदवार को लगभग 60 हजार व एनडीए को 56 हजार मत प्राप्त हुए थे। वहीं, बसपा उम्मीदवार उदय प्रताप सिंह (कुर्मी) तीसरे स्थान पर थे उन्हें लगभग 47 हजार से अधिक मत प्राप्त हुए थे, जबकि लोजपा से राकेश कुमार सिंह उर्फ गबरू सिंह (राजपूत) लगभग 17 हजार मत प्राप्त कर चौथे स्थान पर थे।
कांग्रेस उम्मीदवार को ब्राह्मण, यादव, मुस्लिम का मास वोट के साथ जदयू से नाराज भी कुछ वोट भी मिला था। वहीं, एनडीए के उम्मीदवार को कुर्मी, अतिपिछड़ा एवं वैश्य वोट के साथ भाजपा का कैडर वोट भी मिला था।
बसपा उम्मीदवार को कुछ कुर्मी के साथ उपेंद्र कुशवाहा के गठबंधन होने के कारण कुशवाहा एवं रविदास का मास वोट मिला था, जबकि लोजपा उम्मीदवार को राजपूत एवं पासवान जाति का वोट मिला था।
2025 के विधानसभा का जातीय समीकरण पूरी तरह से बदल चूका है। राजपूत उम्मीदवार नहीं रहने कारण तथा उपेंद्र कुशवाहा एवं चिराग पासवान की पार्टी को एनडीए में आने से राजपूत, कुशवाहा एवं पासवान का मत हार जीत में काफी महत्वपूर्ण हो गया है।
जन सुराज से मशहूर लोकगायक भोजपुरी सीने स्टार रितेश पांडेय सबका खेल बिगाड़ने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि राजपूत, पासवान व कुशवाहा का झुकाव अभी एनडीए के तरफ नजर आ रहा है, इसलिए करगहर का मुकाबला इस बार दिलचस्प हो गया है। अब देखना है कि 11 नवंबर को मतदान के दिन ऊंट किस करवट बैठ रहा है।
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