गौतम कुमार मिश्रा, नई दिल्ली। हाल फिलहाल सोना तस्करी की घटनाओं ने आईजीआई एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग को चौकन्ना कर दिया है। पिछले कुछ समय से सोने की कीमतों में हुए उछाल के बीच तस्कर अब बड़ी-बड़ी खेप के बजाय सोना छोटी-छोटी खेप में मंगवा रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
पहले सोने की खेप लाने के लिए तस्कर पश्चिम दिशा यानी खाड़ी देशों से नई दिल्ली का रुख करते थे, लेकिन कस्टम को चकमा देने के लिए अब यह खेप पश्चिम के साथ पूर्व यानी दोनों दिशाओं से भारत में खपाने की कोशिश हो रही है। परेशानी केवल यही नहीं थम रही है, तस्कर अब नई-नई तरकीब का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।  
 
बताया गया कि हाल में पानी की बोतल के ढक्कन में सोना छिपाकर लाने की कोशिश को कस्टम ने नाकामयाब कर दिया। ढक्कन में केवल 170 ग्राम सोना छिपाया गया था। आरोपी यात्री दुबई से नई दिल्ली पहुंचा था। इसके पूर्व एक यात्री के अंडरगारमेंट में छिपाकर लाए गए करीब एक किलो सोना कस्टम ने बरामद किया था। आरोपी म्यांमार से नई दिल्ली पहुंचा था। 
 
कस्टम अधिकारियों का कहना है कि पहले सोने की खेप को पेस्ट के रूप में तस्कर लेकर आते थे। इसे शरीर में छिपा लेते थे। इस तरकीब को कस्टम विभाग ने समझा और ऐसा करने वालों पर नकेल कसना शुरू किया। धीरे-धीरे तस्करों को लगा कि अब यह तरकीब पुरानी हो चुकी है।  
 
इसके बाद इन्होंने कभी अचार के डिब्बों में तो कभी खजूर के पैकेट में छिपाक तस्करी करने लगे। कई बार मिक्सर ग्राइंडर के भीतर सोना छिपा दिया जाता है। अब ऐसा कोई खास पैटर्न नहीं है, जिसके आधार पर कस्टम विभाग यह समझ सके कि तस्कर इस पैटर्न का इस्तेमाल कर रहे हैं। लिहाजा कस्टम के तस्करों को पकड़ना काफी मुश्किल हो रहा है।  
अप्रैल से अभी तक करीब 26 किलो सोना हो चुका है बरामद  
 
आईजीआई एयरपोर्ट पर इस वित्तीय वर्ष अभी तक अलग-अलग मामलों में करीब 26 किलो सोना बरामद हो चुका है। इसकी अनुमानित कीमत करीब 24.68 करोड़ रुपये आंकी गई है। कस्टम विभाग का कहना है कि सोने की तस्करी में इसे आप छह महीने का बेशक आंकड़ा मानें लेकिन, तस्करी की ज्यादातर घटनाएं तब आई हैं, जब सोने की कीमत 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गई।  
 
बताया कि अब तस्कर भी चालाकी कर रहे हैं। कीमत जब अधिक हुई तो उन्होंने जोखिम भी कम करने का फैसला लिया। अब एक व्यक्ति से अधिकतम आधा से एक किलो की खेप मंगाई जाती है। कुछ मामलों में इससे भी कम। पहले ऐसा नहीं होता था।  
दो मार्गों का हो रहा इस्तेमाल  
 
भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोना उपभोक्ता देश होने के कारण तस्करी का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। कस्टम विभाग के अनुसार, सोने की तस्करी मुख्य रूप से हवाई, समुद्री और स्थलीय मार्ग से होती है। ये मार्ग अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट्स द्वारा संचालित होते हैं, जो उच्च आयात शुल्क और जीएसटी से बचने और काला बाजार के लाभ का फायदा उठाते हैं।  
 
हवाई रूट में पश्चिम दिशा में दुबई, सऊदी अरब, कतर, बहरीने से नई दिल्ली खेप मंगाई जाती है। इसमें सर्वाधिक हिस्सेदारी दुबई की होती है। पूर्व दिशा से तस्कर म्यांमार या थाइलैंड से भारत में सोने की खेप लेकर पहुंचते हैं।  
 
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कस्टम ने जब पूर्व व पश्चिम दिशा से आने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर नजर रखनी शुरू कर दी तब तस्करों ने नया पैंतरा अपनाया। अब तस्कर विदेश से सीधे नई दिल्ली की उड़ान न पकड़कर कनेक्टिंग उड़ानों से नई दिल्ली पहुंच रहे हैं।  
 
इस रणनीति के तहत तस्कर विदेश से दिल्ली को छोड़कर किसी अन्य एयरपोर्ट पर जहां उन्हें लगता है कि वे कस्टम से बच सकते हैं, वहां उतरते हैं और फिर कनेक्टिंग उड़ान लेकर नई दिल्ली पहुंचते हैं ताकि कस्टम को वे चकमा दे सकें।  
आईजीआई एयरपोर्ट पर सोना की बरामदगी  
वर्षवार बरामद सोने का विवरण  
  
   
    वर्ष बरामद सोना अनुमानित मूल्य  
    
    
   2021-22  
   119.72 किलो  
   50 करोड़  
    
    
   2022-23  
   420.36 किलो  
   209 करोड़  
    
    
   2023-24  
   474.21 किलो  
   256 करोड़  
    
    
   2024-25  
   253.48 किलो  
   173 करोड़  
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