सुप्रीम कोर्ट में शिक्षक लड़ेगे लड़ाई, आंदोलन की भी तैयारी
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में परिषदीय शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य किया गया है, अब शिक्षक खुद कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं। इस मामले में प्रदेश सरकार ने पहले ही पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अब यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। इसके अलावा अन्य शिक्षक संगठन भी इस दिशा में तैयारी कर रहे हैं। प्रदेश में 1.86 लाख शिक्षक बगैर टीईटी के हैं।
संगठन की ओर से गुरुवार को याचिका दाखिल की गई। इसमें 2017 के संशोधन अधिनियम को चुनौती दी गई है, जिसके अनुसार वर्तमान में कार्यरत सभी शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता आवश्यक है। यूटा इसे असंवैधानिक और मौलिक अधिकारों के खिलाफ मानता है।
पदाधिकारियों का कहना है कि कई शिक्षक टीईटी के लिए आवेदन नहीं कर सकते। विशेष रूप से 2001 से पहले इंटर या बीटीसी के आधार पर नियुक्त शिक्षक, जिनकी सेवा पांच साल से अधिक हो चुकी है, और मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी पाने वाले शिक्षक टीईटी के लिए योग्य नहीं हैं। ऐसे शिक्षक पहले से नियुक्त हैं, उन्हें राहत मिलनी चाहिए।ranchi-general,Jharkhand Weather Update, Jharkhand Weather Today, jharkhand ka mausam, Ranchi News,Ranchi Latest News,Ranchi News in Hindi,Ranchi Samachar,Ranchi News,Ranchi Latest News,Ranchi News in Hindi,Ranchi Samachar,Ranchi weather update,Durga Puja rain forecast,Jharkhand weather news,Ranchi temperature drop,Monsoon activity Jharkhand,Weather forecast Ranchi,Jharkhand news
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (तिवारी गुट) भी सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू याचिका दाखिल कर चुका है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि पांच अक्टूबर को दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में एक बैठक होगी।
इसमें झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र सहित कई प्रदेशों के शिक्षक संगठन हिस्सा लेंगे। बैठक में आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी। अगर तब तक केंद्र सरकार सकारात्मक पहल नहीं करती, तो दिल्ली कूच की तिथि घोषित की जाएगी।
उधर, विशिष्ट बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षकों का पक्ष लिया है, जबकि झारखंड सरकार ने इस मामले में याचिका न दाखिल करने का निर्णय लिया है।
सरकार का कहना है कि ज्यादातर पुनर्विचार याचिकाएं खारिज हो जाती हैं। ऐसे में शिक्षक टीईटी की तैयारी करें। उन्हें साल में दो बार यह परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। |