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अभी-अभी: मां काली को विदा करने उमड़ा जनसैलाब... शानदार तस्वीरों में देखें अटूट आस्था की खूबसूरत झलक

deltin33 2025-10-23 04:07:01 views 355

  

Kali Puja Procession: मां काली की विदाई के मौके पर भागलपुर में अटूट आस्था की खूबसूरत झलक दिखी।



संवाद सहयोगी, भागलपुर। Kali Puja Procession बुधवार की शाम कालीबाड़ी और दुर्गाबाड़ी की मां काली प्रतिमाओं का विसर्जन भक्तिभाव के माहौल में किया गया। देर शाम तक भक्ति, संगीत और जयघोष से भागलपुर की गलियां गूंजती रहीं। मुसहरी गंगा घाट स्थित कृत्रिम तालाब में दोनों प्रमुख प्रतिमाओं सहित कई स्थानीय प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया, जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

विसर्जन से पूर्व मां काली को भोग लगाया गया। महिलाओं ने मां को सिंदूर अर्पित किया और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। कालीबाड़ी पूजा समिति के महासचिव बिलास कुमार बागची ने बताया कि शाम चार बजे वेदी से प्रतिमा पर से उठाया गया। आदमपुर होते हुए शोभायात्रा तिलकामांझी चौक से गुजरती हुई करीब छह बजे मुसहरी घाट पहुंची, जहां मां का विसर्जन किया गया।

वहीं दुर्गाबाड़ी पूजा समिति की प्रतिमा का विसर्जन शाम 4:50 बजे हुआ। समिति के निरूपम कांतिपाल ने बताया कि शोभायात्रा तीन बजे दुर्गाबाड़ी से प्रस्थान कर निर्धारित मार्ग से होती हुई मुसहरी घाट पहुंची। बंगाली समाज के श्रद्धालुओं की सहभागिता और महिलाओं की उपस्थिति ने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया।

मुसहरी घाट पर मेले का माहौल रहा। सैकड़ों दुकानें सजी रहीं और श्रद्धालु देर रात तक पूजा, आरती और दर्शन में लीन रहे। इस दौरान सुजय सर्बाधिकारी, चंदन राय समेत कई गणमान्य मौजूद रहे।

इशाकचक और मुंदीचक में भी मां के जयकारे से गूंजा माहौल

इधर इशाकचक काली मंदिर की प्रतिमा का भी बुधवार की देर रात विसर्जन किया गया। समिति के सचिव संदीप कुमार (मोनू मिश्रा) ने बताया कि प्रतिमा को कांधे पर उठाकर भोलानाथ पुल के समीप ट्रक पर चढ़ाया गया और देर रात मुसहरी घाट पर विसर्जन संपन्न हुआ। यहां देर रात तक मेला लगा रहा। गोलगप्पा और चाऊमीन की दुकानों पर महिलाओं और बच्चों की भीड़ उमड़ी रही।

वहीं मुंदीचक स्वर्णकार काली मंदिर की प्रतिमा का विसर्जन गुरुवार को दोपहर 12 बजे किया जाएगा। समिति के संरक्षक विजय कुमार साह पप्पू ने बताया कि मां को तीन समय हलुआ, खिचड़ी, खीर और मिठाई का भोग लगाया गया। बुधवार को पारंपरिक पाठे की बलि दी गई और प्रसाद समाज के लोगों में वितरित किया गया। गुरुवार को प्रतिमा बूढ़ानाथ घाट के कृत्रिम तालाब में विसर्जित की जाएगी।
इसके अलावा मिरजानहाट सहित कई अन्य क्षेत्रों की काली प्रतिमाओं का भी बुधवार को गंगटा तालाब में विधिवत विसर्जन किया गया।

मां के जयकारों से गूंजा शहर

पूरे शहर में मां काली की शोभायात्राओं ने आध्यात्मिक आभा बिखेरी। आरती, घंटा-घड़ियाल और ढाक की थाप पर भक्त झूमते नजर आए। भागलपुर की गलियां जय मां काली के जयकारों से देर रात तक गूंजती रहीं।
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