उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
डिजिटल डेस्क, जागरण, लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मतांतरण के साथ ही लव जिहाद और आतंकवाद को रोकने के लिए बड़े कदम उठा रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हलाल सर्टिफिकेशन पर शिकंजा कस दिया है। गोरखपुर में आरएसएस के ‘दीपोत्सव से राष्ट्रोत्सव’ कार्यक्रम में उन्होंने स्पष्ट किया कि बलरामपुर में बड़े पैमाने पर मतांतरण में लिप्त रहा छांगुर विदेशों से फंड लेने के साथ हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर मिले धन का उपयोग अनैतिक कार्य में कर रहा था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को देश में बड़ी बहस छेड़ते हुए कहा कि देश में ब्रिटिश उपनिवेश की तो काफी चर्चा होती है, फ्रांसीसी उपनिवेश की चर्चा होती है लेकिन “राजनीतिक इस्लाम“ की चर्चा नहीं होती है। राजनीतिक इस्लाम ने सनातन आस्था पर सबसे ज्यादा कुठाराघात किया। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोविंद सिंह, महाराणा प्रताप और महाराणा सांगा ने तो राजनीतिक इस्लाम के खिलाफ ही लड़ाई लड़ी थी। हमारे पूर्वजों ने राजनीतिक इस्लाम के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी, जिसकी चर्चा नहीं होती।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में आज भी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर जैसे लोग राजनीतिक इस्लाम को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। हमने छांगुर को जेल भेज दिया है। हलाल सर्टिफिकेशन उत्पाद के प्रदेश में बिक्री पर रोक लगाई गई है। हलाल उत्पाद खरीद से मिलने वाले रुपये से ही धर्मांतरण, लव जिहाद और आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। छांगुर और उसके गुर्गे इसमें शामिल थे। उन्होंने कहा कि हमने बलरामपुर के साथ ही आगरा से छांगुर के संगठित गिरोह पर शिकंजा कसा और बड़ी संख्या में मतांतरण पर अंकुश लगाया। छांगुर को हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर धोखाधड़ी करते पकड़ा और जेल भेजा गया है।
मुख्यमंत्री ने हलाल सर्टिफिकेशन को ग्राहकों के आर्थिक शोषण का जरिया बताया और दावा किया कि इसका इस्तेमाल आतंकवाद, लव जिहाद और धर्मांतरण जैसे षड्यंत्रों के लिए किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पादों को न खरीदें और सिर्फ वही सामान खरीदें जिन पर उचित जीएसटी दिया गया हो।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोग सामान खरीदते समय अब यह जरूर जांचें कि उस पर हलाल सर्टिफिकेशन तो नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने साबुन और कपड़ों के हलाल सर्टिफिकेशन पर लगाम कसी है। उन्होंने कहा कि जब हमने जांच शुरू की तो पाया कि हलाल सर्टिफिकेशन के जरिए देश में हर वर्ष करीब 25 हजार करोड़ रुपये का लेन-देन हो रहा है, जबकि इसकी कोई सरकारी मान्यता नहीं है। प्रदेश में अब हलाल सर्टिफिकेशन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने साफ कहा कि अब कोई भी संस्था यूपी में हलाल सर्टिफिकेट लगाकर उत्पाद नहीं बेच सकेगी।
मुख्यमंत्री से सहमत नहीं मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी
उधर आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर प्रतिक्रिया ही और कहा कि जिन लोगों ने हलाल सर्टिफिकेट का सिलसिला शुरू किया है, वो शरियत की रौशनी में सरासर गलत है। मजहब की आड़ में पैसा कमाया जा रहा है। मौलाना ने आगे कहा कि मैं मुख्यमंत्री की इस बात से सहमत नहीं हूं कि इस धन को आतंकवाद के लिए खर्च किया जा रहा है |