दीवाली के दिन कैसे करें महादेव को प्रसन्न ?
धर्म डेक्स, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग अनुसार, कार्तिक अमावस्या की तिथि पर दीवाली का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को देशभर में बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन विधिपूर्वक मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में आ रहे सभी संकट दूर होते हैं। साथ ही जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इस दिन शिवलिंग का अभिषेक करना शुभ माना जाता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अगर आप भी महादेव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो दीवाली के दिन सुबह स्नान करने के बाद शिवलिंग का अभिषेक करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से महादेव की कृपा से बिगड़े काम पूरे होते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि दीवाली के दिन किन चीजों से शिवलिंग (Shivling Par kya chadhana chahiye) का अभिषेक करना चाहिए।
मानसिक तनाव होगा दूर
मानसिक तनाव से छुटकारा पाने के लिए दीवाली के दिन शिवलिंग का गंगाजल या दूध से अभिषेक करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से मानसिक तनाव की समस्या दूर होती है और भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
बिगड़े काम होंगे पूरे
जीवन में खुशियों का आगमन के लिए दीवाली के दिन शिवलिंग पर सफेद फूल अर्पित करने चाहिए। इस दौरान महादेव के मंत्रों का जप करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही प्रभु की कृपा से बिगड़े काम पूरे होते हैं।
आर्थिक तंगी होगी दूर
अगर आप आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, तो दीवाली के दिन शिवलिंग पर कच्चे चावल अर्पित करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से आर्थिक समस्या से मुक्ति मिलती है और धन लाभ के योग बनते हैं।
संतान सुख की होगी प्राप्ति
संतान सुख की प्राप्ति के लिए शिवलिंग पर गेहूं अर्पित करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
कब है दीवाली (Diwali 2025 Date)
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को 03 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 21 अक्टूबर को 05 बजकर 54 मिनट पर होगा। ऐसे में 20 अक्टूबर को दीवाली का पर्व मनाया जाएगा।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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