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1967 से पहले नहीं मिलते थे कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र, फिर सरकार ने लिया एक फैसला; अब हुआ खुलासा

Chikheang 2025-10-13 05:37:14 views 926

  

शीर्ष वीरता पुरस्कारों के नाम 1967 में बदले गए थे (फाइल फोटो)



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अशोक चक्र प्रथम, अशोक चक्र द्वितीय और अशोक चक्र तृतीय के रूप में शुरू किए गए शांतिकाल के शीर्ष वीरता पुरस्कारों के नाम 1967 में बदलकर क्रमश: \“अशोक चक्र\“, \“कीर्ति चक्र\“ और \“शौर्य चक्र\“ किए गए थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

एक अभिलेखीय सरकारी दस्तावेज से यह जानकारी सामने आई है। राष्ट्रपति सचिवालय ने 27 जनवरी 1967 को नाम परिवर्तन की अधिसूचना जारी की थी। इसकी एक तस्वीर को भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) ने एक प्रदर्शनी के हिस्से के रूप में कई अन्य ऐतिहासिक आधिकारिक दस्तावेजों के साथ प्रदर्शित किया है।
सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार है अशोक चक्र

\“सुशासन और अभिलेख 2025\“ नामक शीर्षक से आयोजित इस प्रदर्शनी में राष्ट्रपति सचिवालय, निर्वाचन आयोग तथा गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और ऊर्जा मंत्रालय सहित विभिन्न मंत्रालयों से प्राप्त मूल्यवान अभिलेख प्रदर्शित किए गए हैं।

अशोक चक्र भारत का सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार है। जिसके बाद क्रमश: कीर्ति चक्र दूसरा और शौर्य चक्र का स्थान है। राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से जारी उक्त अधिसूचना में \“अशोक चक्र\“ से संबंधित मुख्य बिंदुओं का भी उल्लेख किया गया है, तथा वीरता पुरस्कार के साथ मिलने वाले पदक की तस्वीर भी है।

दुर्लभ अभिलेखीय अभिलेखों को प्रदर्शित करने वाली एनएआई प्रदर्शनी का उद्घाटन केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 10 अक्टूबर को डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में \“सुशासन\“ माह के तहत किया था और यह 12 अक्टूबर तक चलेगी।





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