deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

हिमाचल प्रदेश: मोबाइल स्क्रीन पर अधिक समय बिताना बन रहा आंखों का सबसे बड़ा दुश्मन, ऊना अस्पताल में बढ़े मामले

Chikheang 2025-10-13 02:36:29 views 1252

  

मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल आंखों के लिए घातक बन रहा है। प्रतीकात्मक फोटो  



नीरज पराशर, चिंतपूर्णी (ऊना)। आधुनिक जीवनशैली में मोबाइल फोन और लैपटाप अब आवश्यकताओं की सूची में शामिल हो चुके हैं, लेकिन इनकी स्क्रीन की रोशनी ने आंखों की सेहत पर खतरे की घंटी भी बजा दी है। आज स्थिति ऐसी है कि केवल बुजुर्ग ही नहीं, बच्चों की आंखें भी कमजोर होने लगी हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

मोबाइल की टच स्क्रीन मनोरंजन या जानकारी का माध्यम तो है, लेकिन अब लोगों में एक लत भी बन गई है। खाली समय मिलते ही लोग फोन में झांकने लगते हैं जिससे आंखों पर निरंतर दबावबढ़ता जा रहा है।
सात से आठ घंटे स्क्रीन पर काम करने से हो रही समस्या

जो विद्यार्थी पढ़ाई के लिए या कामकाजी लोग दफ्तरों में लैपटाप का उपयोग करते हैं वे दिन का सात से आठ घंटे स्क्रीन के सामने बिताते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यही आदत मायोपिक पैरालाइसिस और ड्राई आइ सिंड्रोम जैसी बीमारियों का कारण बन रही है।
अंधेरे में मोबाइल फोन का इस्तेमाल कम कर रहा रोशनी

रात के अंधेरे में मोबाइल फोन चलाना और प्राकृतिक रोशनी से दूरी आंखों की कमजोरी को और बढ़ा रही है। क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में रोजाना सौ से अधिक मरीज आंखों की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं।
20 से 25 बार पलकें झपकना जरूरी

नेत्र विशेषज्ञ डा. अंकुश शर्मा बताते हैं कि सामान्यतः व्यक्ति एक मिनट में 20 से 25 बार पलकें झपकता है, लेकिन मोबाइल के सामने यह संख्या घटकर पांच से सात रह जाती है जिससे आंखों की नमी कम होती है और रोशनी पर असर पड़ता है। बच्चे अब खेलकूद के बजाय मोबाइल फोन में खोए रहते हैं जिससे उनकी शारीरिक सक्रियता और आंखों की सेहत दोनों प्रभावित हो रही हैं।

डा. अंकुश का कहना है कि लंबे समय तक स्क्रीन पर काम करने वाले लोग आंखें झपकाना भूल जाते हैं जिससे आंखें सूखने लगती हैं। ऐसे लोगों को हर आधे घंटे में कुछ पल स्क्रीन से नजर हटाकर दूर किसी वस्तु को देखने की आदत डालनी चाहिए। यह आंखों की मांसपेशियों के लिए व्यायाम का काम करता है। सिरदर्द, जलन या धुंधलापन महसूस होने पर चिकित्सक से तुरंत परामर्श लेना जरूरी है।
40 वर्ष की आयु के बाद नियमित रूप से आंखों की जांच करवाना जरूरी

डा. अंकुश का कहना था कि 40 वर्ष की आयु पार करने के बाद हर व्यक्ति को आंखों की नियमित जांच करवानी चाहिए। इसके अलावा विटामिन-ए युक्त आहार, मौसमी फल-सब्जियां और हर दिन सलाद का सेवन आंखों की रोशनी बनाए रखने में मददगार हैं। रात को सोने से पहले आंखों को ठंडे पानी से धोना और मोबाइल से दूरी बनाए रखना सबसे सस्ता, लेकिन प्रभावशाली उपाय है। आंखों को चैन  देने के लिए जरूरी है कि हम तकनीक के उपयोग और अपनी सेहत के बीच संतुलन बनाए रखें।

यह भी पढ़ें: वीरभद्र सिंह की 9 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण कल, शिमला पहुंची सोनिया व प्रियंका, सचिन पायलट सहित ये नेता भी पहुंचेंगे

यह भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश के सेवानिवृत्त कर्मचारी उतरे सरकार के विरोध में, 18 संगठन करेंगे धरना प्रदर्शन
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

710K

Credits

Forum Veteran

Credits
71744