cy520520 • 2025-10-12 13:36:38 • views 1066
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई फाइल फोटो। (जागरण)
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में रिम्स में लैब अटेंडेंट और वार्ड अटेंडेंट नियुक्ति में गड़बड़ी के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के बाद नियुक्ति में हुई गड़बड़ी के लिए जिम्मेदारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर कड़ी नाराजगी जताई।
अदालत ने रिम्स निदेशक को तीन सप्ताह के अंदर शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है। प्रार्थियों की ओर से कहा गया है कि आठ मार्च 2019 को रिम्स में लैब अटेंडेंट और वार्ड अटेंडेंट के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। जिसमें चयन प्रक्रिया में अनियमितता की गई थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके लिए लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होने पर हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई। निदेशक की ओर से प्रस्तुत किए गए शपथ पत्र में बताया गया है कि इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति ने जून 2024 को जांच रिपोर्ट को स्क्रूटनी कमेटी के सदस्यों के पास भेजा था और उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था।
अगस्त 2025 में पत्र के जरिए फिर से स्पष्टीकरण मांगा गया। लेकिन अदालत ने इसे कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं माना। हाई कोर्ट का स्पष्ट मत था कि चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
इस स्थिति में अदालत ने रिम्स निदेशक को तीन सप्ताह का अतिरिक्त समय देते हुए आदेश दिया कि वह शपथ पत्र दाखिल कर स्पष्ट करे कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या-क्या कार्रवाई की गई है। बता दें कि इसको लेकर पतांजलि और अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। |
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