आयुष्मान मरीजों के इलाज के लिए रांची सदर अस्पताल की तर्ज पर प्राइवेट डाक्टरों की सेवा लें।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी की कार्यकारी निदेशक डा. नेहा अरोड़ा ने आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत मरीजों के गुणवत्तापूर्ण इलाज सुनिश्चित करने के लिए रांची सदर अस्पताल की तर्ज पर प्राइवेट डाक्टरों की सेवा लेने के निर्देश सभी जिलों के जिला कार्यक्रम समन्वयकों को दिए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने बुधवार को हुई समीक्षा बैठक में कहा कि डाक्टरों की कमी के कारण किसी सूचीबद्ध अस्पताल से मरीज लौटे नहीं। रांची सदर अस्पताल में प्राइवेट डाक्टरों की सेवा लेकर इस योजना के तहत कई गंभीर बीमारियों का इलाज तथा बड़े आपरेशन सुनिश्चित किए जा रहे हैं।
कार्यकारी निदेशक ने कई जिलों में अभी भी बड़े अस्पतालों के इस योजना के तहत सूचीबद्ध नहीं होने पर चिंता जताई। साथ ही इसे लेकर कारण सहित सभी जिलों से उन्होंने रिपोर्ट मांगी है।
बैठक में एक जून से 23 सितंबर तक के जिलावार आंकड़ों तथा सरकारी अस्पतालों का क्लेम स्टेटस की समीक्षा हुई।
बैठक में सभी जिलों को अधिक से अधिक मरीजों का इस योजना के तहत निश्शुल्क इलाज सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।agra-city-general,UP News, UP Latest News, UP Hindi News, UP News in Hindi, Agra City news,mental health institute Agra,employee chillum video,viral video investigation,ward attendant misconduct,patient exploitation,Agra news today,mental health news,hospital staff negligence,video viral case,Uttar Pradesh news
कार्यकारी निदेशक ने सभी जिलों को मासिक बैठकें नियमित रूप से आयोजित करने को कहा, जिससे स्थानीय समस्याओं की पहचान और समाधान संभव हो सके।
उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर किसी जिले में योजना से संबंधित कोई समस्या आती है तो उसे तत्काल राज्य स्तर पर सूचित किया जाए ताकि समय रहते समाधान निकाला जा सके।
बैठक में कई जिलों ने अपने-अपने क्षेत्र की विशेष समस्याएं भी सामने रखीं, जिनका तत्काल समाधान किया गया। बैठक में सोसाइटी के महाप्रबंधक प्रवीण चंद्र मिश्रा, डिलोइट और नेशनल इंश्योरेंस के अधिकारी भी उपस्थित थे।
अस्पतालों में अनिवार्य रूप से हो फायर सेफ्टी आडिट
डा. अरोड़ा ने सभी अस्पतालों में अनिवार्य रूप से फायर सेफ्टी आडिट कराने के निर्देश दिए। साथ ही बायोमेडिकल वेस्ट का निष्पादन नियमानुसार करने के निर्देश दिए। इस बैठक में फायर सेफ्टी और प्रदूषण नियंत्रण के नोडल पदाधिकारी को भी बुलाया गया था। |