राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा त्योहारों से पहले सड़कों को गड्ढा मुक्त कर दिए जाने के आदेश देने के बाद भी दीपावली तक सभी सड़कों के गड्ढा मुक्त हो पाने की उम्मीद नहीं है। अब तक वर्षा से क्षतिग्रस्त हुईं महज 33 प्रतिशत सड़कें ही गड्ढा मुक्त की जा सकी हैं, जबकि दो तिहाई सड़कों में अब भी जगह जगह गड्ढे बने हुए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ग्रामीण सड़कें दूर रहीं विभाग शहरी सड़कों को भी पूरी तरह गड्ढा मुक्त नहीं कर पाए हैं। लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी का दावा है कि दीपावली तक शहरी सड़कों को पूरी तरह गड्ढा मुक्त कर दिया जाएगा।
इस वर्ष हुई वर्षा से राज्य की 53,628 किमी सड़कें टूटने और गड्ढे बनने से खराब हुईं। जिनमें से गुरुवार तक 17,681 किमी सड़कों को गड्ढा मुक्त किया गया था, यानी कुल 32.97 प्रतिशत गड्ढा मुक्ति का काम पूरा हो सका है।
सबसे अधिक 47,967 किमी सड़कें लोक निर्माण विभाग की क्षतिग्रस्त हुई हैं जिसमें से कुल 13,861 किमी सड़कों को ही विभाग ठीक कर सका है। पीडब्ल्यूडी की प्रगति 28.90 प्रतिशत है। सिंचाई विभाग लक्ष्य के मुकाबले कुल 13.81 प्रतिशत क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक कर सका है।
इस विभाग की 905 किमी सड़कें क्षतिग्रस्त हैं, जिनमें से 125 किमी सड़कें गड्ढा मुक्त की गई हैं। पंचायती राज विभाग ने अब तक 41.60 प्रतिशत सड़कों को गड्ढा मुक्त किया है। गड्ढा मुक्ति कार्य में मोर्थ, एनएचएआइ व मंडी परिषद की प्रगति 90 प्रतिशत से अधिक है।
लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष एके द्विवेदी के मुताबिक बीच-बीच में वर्षा हो जाने से गड्ढा मुक्ति कार्य में लगातार बाधाएं आई हैं। दीपावली तक सभी प्रमुख सड़कें जैसे स्टेट हाइवे, प्रमुख जिला मार्ग, अन्य जिला मार्ग को पूरी तरह गड्ढा मुक्त कर दिया जाएगा। 31 अक्टूबर तक ग्रामीण सड़कों को भी गड्ढा मुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए पिछले वर्ष से 45 करोड़ रुपये अधिक बजट इस वर्ष दिए गए हैं। अब तक इस कार्य के लिए 400 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
विभाग | गड्ढा मुक्त की जाने वाली सड़कों की लंबाई | गड्ढा मुक्त की गई सड़कों की लंबाई | पीडब्ल्यूडी | 47,967.50 | 13,861.99 | मोर्थ | 515.85 | 508.79 | एनएचएआइ | 281.57 | 272.42 | मंडी परिषद | 681.59 | 647.46 | पंचायती राज विभाग | 493.08 | 205.12 | सिंचाई विभाग | 905.00 | 125.00 | ग्राम्य विकास | 445.63 | 325.55 | नगर विकास विभाग | 2,142.00 | 1,610.57 | आवास एवं शहरी नियोजन | 52.08 | 46.49 | अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास | 136.01 | 72.26 | गन्ना विभाग | 7.70 | 5.50 | कुल योग | 53,628.10 | 17,681.15 |
(नोट-सड़कों की लंबाई किमी में) |