प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
केतन आनंद, मेदिनीनगर (पलामू)। घाटों से बालू के उठाव पर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) की रोक आगामी 15 अक्टूबर को भले ही समाप्त हो रही है, लेकिन इसके बाद पलामू जिले में बालू संकट दूर होने की संभावना अभी दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दरअसल, राज्य सरकार की नई नीति के तहत बालू घाटों का संचालन निजी हाथों में सौपा जाना है। बालू संकट को दूर करने के लिए कई जिलों में तो ई-टेंडर की प्रक्रिया को पूरा भी कर लिया है।
दूसरी ओर, पलामू जिले के विभिन्न बालू घाटाें के लिए एक भी आवेदन नहीं आए है, अब इसके लिए ई. निविदा दाखिल करने की अंतिम तिथि 6 अक्टूबर को ही समाप्त हो गई है।
बता दे कि पूर्व में बालू घाटों के लिए पांच वर्षों के लिए ई-नीलामी के पहले चरण की अंतिम तिथि 15 सितंबर निर्धारित की गई थी। लेकिन इसमें एक भी बीडर आगे नहीं आए थे। इसके बाद खान निदेशालय ने न्यूतम सुरक्षित जमा राशि में भारी कमी कर नये सिरे से नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
इसके लिए टेंडर आवेदन दाखिल करने के लिए 23 सितंबर से 6 अक्टूबर व नीलामी की तिथि 11 अक्टूबर तय कर दिया गया था। यहीं नहीं पहले जहां घाटों में बालू की उपलब्धता पर न्यूतम सुरक्षित जमा राशि निर्धारित किया गया था, वहीं अब घाटों में उत्खनन के लिए उपलब्ध बालू के डिपोजिट के आधार पर अर्नेस्ट मनी निर्धारित किया गया है।
इससे एक ओर समूहों में बालू घाटों की भी वृद्धि तो हुई साथ ही सुरक्षित राशि 13 करोड़ से कम होकर करीब तीन से चार करोड़ तक पहुंच गए। विभाग को लगा था छोटे-छोटे घाटों की उपलब्धता से भी नये बीडर नीलामी के लिए आगे आएंगे।
लेकिन ऐसा नहीं हु़आ ओर जिला एक बार फिर बालू के सूखे के कगार पर पहुंच गया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार अब खान निदेशालय के मार्गदर्शन के बाद नये सिरे से टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
पलामू में कैटेगरी टू के 19 बालू घाटों को किया गया है चिह्नित
वहीं, दूसरी ओर राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित झारखंड सैंड माइनिंग रूल 2025 के नियमों के अन्तर्गत जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट मे पलामू जिला मे कैटेगरी टू के कुल 19 बालू घाट चिह्नित है। इन्हे 12 समूहों में नीलामी किया जाना है। जिले मे सबसे बड़े बालू घाट सिंगराहा का रकवा 205.03 हेक्टेयर, वहीं सबसे छोटे बालु घाट का कांकेखुर्द का रकवा 4.08 हेक्टेयर है।
जिले मे 2 बालू घाट 5 हेक्टेयर से कम है, वहीं 17 बालू घाट 5 हेक्टेयर से भी बड़ा है। इस बार दो बालू घाटों, तीन बालू घाटों का ग्रुप व कुछ एकल बालू घाटों कि नीलामी आगामी पांच वर्षों के लिए की जा रही है।
नये सिरे से टेंडर की तिथि घोषित
पलामू जिले के साथ पड़ोसी गढ़वा जिले में भी इस बार बालू संकट उत्पन्न हो सकता है। बता दें कि गढ़वा जिले में प्रथम चरण में एक भी आवेदन नहीं आने से नये सिरे से ई-टेंडर की तिथि घोषित कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार गढ़वा जिला अंतर्गत बालू घाटों की पुनः ई -निविदा शुक्रवार 10 अक्टूबर से ऑनलाइन कर दी गई है। इस बार कुछ 11 बालू घाट समूह की निविदा निकाली गई हैl
इसके लिए इच्छुक व्यक्ति 10 से 31 अक्टूबर तक निविदा फॉर्म आवश्यक दस्तावेज तथा उल्लेखित न्यूनतम सुरक्षित जता राशि के साथ भर सकते है l
इसी क्रम में 17 अक्टूबर को सभी निविदा प्रतिभागियों के लिए एक विशेष बैठक जिला खनन कार्यालय, गढ़वा परिसर में आयोजित की गई है। इसमें निविदा प्रक्रिया की तकनीकी सहयोग व जानकारियाें को साझा किया जाएगा। |