Forgot password?
 Register now
deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

Jharkhand News: DMFT फंड में अनियमितता की शिकायतें, राज्य सरकार कराएगी गहन ऑडिट

deltin33 Yesterday 13:37 views 421

  

झारखंड सरकार डीएमएफटी फंड में का कराएगी गहन ऑडिट। फाइल फोटो



प्रदीप सिंह, रांची। डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड ट्रस्ट (डीएमएफटी) की राशि के मनमाने दुरुपयोग की मिल रही शिकायतों को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की तैयारी की है।  

इस कड़ी में डीएमएफटी का गहन आडिट होगा। 2015 में गठित डीएमएफटी में अगस्त-2025 तक 16657.95 करोड़ रुपये का संग्रह हो चुका है।  

गहन ऑडिट के पहले चरण में पांच जिलों धनबाद, चाईबासा, चतरा, रामगढ़ और पलामू की बारी आएगी। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने इस आशय का निर्देश जारी किया है। इसके लिए वित्त विभाग की पांच अलग-अलग टीमें गठित की जाएगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

डीएमएफटी केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पीएमकेके वाई) के अनुरूप गठित किया गया था, जो खनन से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित परिवारों के हितों की रक्षा पर केंद्रित है।  

ट्रस्ट के तहत जमा होने वाली राशि का उपयोग शुद्ध पेयजल आपूर्ति, स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार, शिक्षा के स्तर में सुधार, महिलाओं एवं बच्चों के कल्याण, कौशल विकास, सिंचाई परियोजनाओं, पर्यावरण संरक्षण तथा जल संरक्षण जैसी योजनाओं में किया जाना निर्धारित है।  

राज्य के खनिज समृद्ध क्षेत्रों में कोयला, बॉक्साइट, लौह अयस्क और अन्य खनिजों के उत्खनन से हजारों परिवार प्रभावित होते हैं। डीएमएफटी को खनन कंपनियों से रायल्टी के एक हिस्से के रूप में फंड मिलता है, जो \“\“लोकधन\“\“ है।
मेदिनीनगर में टाउन हॉल के निर्माण पर खर्च कर दिए दो करोड़

डीएमएफटी के दुरुपयोग को लेकर पलामू जिले का उदाहरण दिया गया है, जहां ट्रस्ट की राशि से मेदिनीनगर टाउन हाल के निर्माण में दो करोड़ रुपये खर्च किए गए।  

वर्ष 2021-22 में सदर अस्पताल के लिए एंबुलेंस खरीद, नर्सिंग कॉलेज में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट, रेड क्रॉस बिल्डिंग में ऑक्सीजन पाइप लाइन, परीक्षा टेबल और स्कूल की चहारदीवारी जैसी योजनाओं को स्वीकृति मिली।  

ये परियोजनाएं ट्रस्ट के मूल उद्देश्यों खनन प्रभावित क्षेत्रों के कल्याण से विपरीत हैं, क्योंकि ये सामान्य विकास कार्य हैं, न कि खनन से जुड़े विशिष्ट लाभ।  

वित्त मंत्री ने अपने निर्देश में उल्लेख किया है कि राज्य के अन्य जिलों में भी ऐसी अनियमितता की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता।
पीएजी की रिपोर्ट में भी उजागर हो चुकी है अनियमितता

राज्य के प्रिंसिपल ऑडिटर जनरल (पीएजी) की रिपोर्ट में भी पूर्व में तीन हजार करोड़ के फंड का आडिट किया गया, जिसमें राशि के दुरुपयोग और धोखाधड़ी के आरोप सामने आए।  

चतरा में डीएमएफटी फंड से पेयजल के नियमित रखरखाव कार्य किए गए। एक जिले में ओपन जिम का अनियमित भुगतान किया गया।  

बोकारो में इससे जुड़ी टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी, हाईमास्ट लाइट, टैब लैब और प्रोजेक्ट्स में बढ़ी दरों पर भुगतान का आरोप लगा।
ऑडिट से मजबूत होगी वित्तीय पारदर्शिता

आडिट से राज्य की वित्तीय पारदर्शिता मजबूत होगी। धनबाद जैसे कोयला क्षेत्र में जहां फंड का उपयोग स्वास्थ्य और पर्यावरण पर होना चाहिए, वहां निर्माण कार्यों पर खर्च ने सवाल खड़े किए हैं।  

चाईबासा में आदिवासी बहुल क्षेत्रों में जल संरक्षण योजनाओं की कमी है, जबकि चतरा और पलामू में पहले से ही गड़बड़ी की रिपोर्ट हैं।  

रामगढ़ में कोयला खनन से प्रभावित किसानों को लाभ न पहुंचने की शिकायतें हैं। टीमें जांच करेंगी कि उपलब्ध राशि से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्रों में कौन-कौन सी प्रभावकारी योजनाएं स्वीकृत हुई और उनका लाभ वास्तव में लोगों तक पहुंचा या नहीं?
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments

Related threads

deltin33

He hasn't introduced himself yet.

8802

Threads

0

Posts

210K

Credits

administrator

Credits
26448
Random