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राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डा. बबीता सिंह चाैहान के आग्रह पर कार्रवाई आगे बढ़ी तो जेल के अंदर महिलाएं अपने पति के साथ करवाचौथ का पर्व मनाएंगीं। आयोग अध्यक्ष ने सभी डीएम को पत्र जारी कर अनुरोध किया है कि अपने-अपने जिलों में महिला बंदीगृहों की पात्र महिलाओं के पतियों और बंदीगृह में निरुद्ध पुरुष बंदियों की पत्नियों को कारागार में आमंत्रित कर करवाचौथ का पर्व पारंपरिक विधि-विधान संग मनाने को निर्देश जारी करें। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आयोग अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा है कि यह निर्णय उप्र राज्य महिला आयोग (संशोधन) अधिनियम 2013 की धारा नौ के तहत निर्धारित कार्यों के क्रम में लिया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिला बंदियों को भी अपने भावनात्मक और पारिवारिक अधिकारों से वंचित न रहना पड़े। करवाचौथ केवल एक व्रत नहीं, बल्कि प्रेम, निष्ठा और विश्वास का प्रतीक पर्व है। यह प्रयास बंदीगृहों की दीवारों के भीतर भी स्नेह, सम्मान और आत्मिक जुड़ाव की भावना को पुनर्जीवित करेगा।
वित्तीय अपराधों की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाए: मुख्य सचिव
मुख्य सचिव एसपी गोयल ने कहा है कि वित्तीय और साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए बैंकों, कार्यान्वयन एजेंसियां और संबंधित विभागों के बीच बेहतर समन्वय होना चाहिए। अधिकारियों को निर्देश दिए कि वित्तीय अपराधों से संबंधित शिकायतों पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जाए।
गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की 19वीं राज्य स्तरीय समन्वय समिति (एसएलसीसी) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने वित्तीय व साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण और जन जागरूकता पर विशेष ध्यान दिए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए बैंक ग्राहकों में जागरूकता बढ़ाएं।
सुझाव दिया कि सेबी द्वारा निवेशकों को वित्तीय धोखाधड़ी से बचाने के लिए आरबीआइ की तर्ज पर जागरूकता संदेश (एसएमएस) भेजे जाएं। इस बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार के साथ ही आरबीआइ के क्षेत्रीय निदेशक तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। |
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