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सांसद नदवी का आजम खान पर पलटवार, बोले- वह अपने शहर इमाम को नहीं जानते तो हमें क्या पहचानेंगे

LHC0088 5 hour(s) ago views 741

  



जागरण संवाददाता, रामपुर। आखिरकार सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां पर पलटवार कर दिया। बोले- वह अपने शहर के इमाम को नहीं जानते तो हमें क्या पहचानेंगे। आजम के तल्खी भरे बयानों को उन्होंने उम्र का तकाजा बताया। साथ ही जोड़ा कि बुजुर्गों की इच्छा पूरी करना अच्छी बात है, अखिलेश ने उनसे तन्हाई में मिलकर उनकी ये फरमाइश पूरी कर दी।

23 सितंबर को सीतापुर जेल से रिहा हुए सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी के बारे में सवाल पूछे जाने पर मीडिया के सामने कई बार तंज भरे लहजे में कह चुके हैं कि वह उन्हें नहीं पहचानते, कौन हैं वह? बुधवार को रामपुर के लिए लखनऊ से निकले अखिलेश यादव के साथ सांसद नदवी भी बरेली तक उनके विमान में आए थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

मगर रामपुर के लिए रवाना होते समय अखिलेश से वह अलग हो गए थे, जबकि सांसद ने आजम से मुलाकात के दौरान खुद भी मौजूद रहने की बात कही थी। मगर आजम खां ने पहले ही साफ कर दिया था कि अखिलेश से उनकी मुलाकात के दौरान कोई तीसरा मौजूद नहीं रहेगा।

अखिलेश और आजम की मुलाकात में सांसद के बरेली से ही अलग हो जाने की खबरें मीडिया में सुर्खियां बन गईं। हालांकि इस संबंध में बुधवार को सांसद नदवी कुछ खास नहीं बोले थे। दैनिक जागरण से उन्होंने कहा था कि दो बड़े लोगों के बीच बातचीत के दौरान वह लिहाज के चलते शामिल नहीं हुए।

मगर गुरुवार को सांसद के तेवर बदल गए। दैनिक जागरण से फोन पर बातचीत के दौरान वह आजम पर आक्रामक रहे। कहा कि हम तो रामपुर के छोटे से गांव से निकले इमाम हैं, हमें क्या पहचानेंगे, वह तो अपने शहर के इमाम को भी नहीं जानते।

बता दें कि 27 अगस्त को शहर इमाम मुफ्ती महबूब अली का स्वर्गवास हो गया था। आजम अभी उनके घर नहीं गए हैं। इसी पर सांसद ने तंज कसा। इसके आगे बोले कि उम्र के इस पड़ाव में बच्चों सी आदतें हो जाती हैं। उनकी फरमाइशें पूरा करना अच्छी बात है। इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी मुखिया अखिलेश उनसे तन्हाई में मिले।

कहा कि वह जेल की तकलीफें और मुसीबतें झेलकर रिहा हुए हैं। ऐसे में दिमागी रूप से कुछ परेशान होना लाजमी है। बुजुर्गों के ताने भी कभी-कभी दुआएं बनकर लगते हैं। यह भी कहा कि आजम अपने आपको पार्टी का सबसे बड़ा लीडर मानते हैं, हम भी उन्हें बड़ा मानते हैं मगर हमें भी जनता ने चुना है और वह किसी का सम्मान नहीं करते।

ये चीज जनता को भी नागरवार गुजरती है। जनता ने ही नवाब बनाए और जनता ने ही उन्हें पैदल कर दिया। अखिलेश यादव के बारे में उन्होंने कहा कि वह दिखावी चीजों से बहुत दूर रहते हैं। पीडीए उनकी आइडियोलोजी है जिस पर लोग वोट देते हैं। कहा कि किसी फैमिली के लिए वोट देना हिंदुस्तान के मुसलमानों की डिक्शनरी में नहीं रह गया।

अब सपा के लिए आसान नहीं होगा दोनों खेमों को सहेजना

आजम खां और अखिलेश यादव की मुलाकात के बाद गिले-शिकवे दूर होने के दावों के अगले ही दिन सांसद नदवी के पलटवार से पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब सपा के लिए दोनों खेमों को सहेज कर रखना आसान नहीं होगा। किसी के आगे झुकना आजम के मिजाज में शामिल नहीं है। समर्थकों का उनका एक बड़ा वर्ग है।

हालांकि, आजम के विरोध के बावजूद मोहिबुल्लाह नदवी का लोकसभा चुनाव में जीतना पार्टी की जीत मानी जाती है। ऐसे में अचानक सांसद नदवी का आजम के प्रति आक्रामक होने के पीछे भी कई संकेत छिपे हैं।

सियासी पंडितों का मानना है कि बिना अखिलेश की मर्जी के सांसद नदवी आजम पर हमलावर नहीं हो सकते। अगर ये कयास सही हैं तो पार्टी में आजम को अपने भविष्य पर विचार करना होगा। पार्टी में जल्द ही बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
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