जेएनयू में छात्रों के विरोध के बाद आइएचए की बैठक स्थगित
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में मंगलवार को प्रस्तावित इंटर हाल एडमिस्ट्रेशन (आइएचए) की बैठक छात्रों के विरोध के बाद टाल दी गई।
छात्रों का आरोप था कि उन्हें प्रविधान के अनुरूप समय से जानकारी नहीं दी गई। विश्वविद्यालय गुपचुप तरीके से मेस की फीस बढ़ाने की तैयारी कर रहा था।
उधर, जेएनयू प्रशासन का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं था। सभी को समय से जानकारी दी गई और बैठक का एजेंडा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया गया।
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जेएनयू में 2019 के बाद से आइएचए की बैठक नहीं हुई थी। उस वक्त फीस बढ़ोतरी के खिलाफ लंबा प्रदर्शन हुआ था। तब से मामला अदालत में लंबित है। लंबे वक्त बाद जेएनयू प्रशासन ने बैठक बुलाई थी। छात्र संघ का आरोप है कि आइएचए समन्वय को बैठक का मेल ही नहीं भेजा गया। एजेंडा आखिरी दिन तक साझा नहीं किया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जेएनयूएसयू सचिव मुन्तेहा ने कहा, आइएचए मैन्युअल के अनुसार बैठक का नोटिस 10 दिन पर सभी हितधारकों को भेजा जाता है। लेकिन, समन्वय को मेल नहीं आया और बाकि लोगों को तीन दिन पहले सूचना दी गई। पीछे के रास्ते से मेस की फीस बढ़ाने की तैयारी की जा रही थी।
मुन्तेहा ने कहा, फीस बढ़ोतरी को 2019 में स्वीकृत किया गया था। लंबे आंदोलन के बाद मामला कोर्ट में गया और अभी लंबित है। इसलिए फीस से जुड़े मुद्दों पर बैठक में चर्चा भी उचित नहीं थी। इसी के विरोध में हमने मंगलवार को मार्च निकाला और अब अगले आदेश के लिए बैठक को स्थगित कर दिया गया है।
डीन आफ स्टूडेंट्स प्रो. मनुराधा चौधरी ने कहा, सभी को समय से मेल भेजे गए थे। समन्वय को तकनीकी खामी से मेल मिला नहीं, उन्हें भी भेजा गया था। फीस बढ़ोतरी जैसा कोई मुद्दा एजेंडे में शामिल नहीं है और इसे वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। अतिथियों के लिए जो कूपन दिए जाते हैं, उसके चार्ज को लेकर बैठक में चर्चा जरूर होनी थी, यह भी छात्रों की मांग के बाद ही शामिल किया गया था। लेकिन, बेवजह मुद्दा बनाया गया, इसलिए बैठक को स्थगित कर दिया गया है। |