जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। कोर्ट के आदेश पर ईकोटेक तीन कोतवाली पुलिस ने गेलेक्टिक सिटी बिल्डर्स के छह डायरेक्टर्स समेत आठ लोगाें के खिलाफ 17.11 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
एग्रीमार्ट केमिकल्स इंडिया लिमिटेड के पीड़ित डायरेक्टर ने भवन बिक्री के नाम पर रुपए हड़पने का आरोप लगाया है। पीड़ित ने आरोपितों से जानमाल के खतरे की आशंका जताते हुए पुलिस से उचित कार्रवाई की मांग की है।
सेक्टर स्वर्ण नगरी निवासी सहदेव एग्रीमार्ट केमिकल्स इंडिया लिमिटेड के डायरेक्टर हैं। वह किराए पर फैक्ट्री के लिए कार्यालय लेने के संंबंध में नॉलेज पार्क पांच स्थित गेलेक्टिक सिटी कंपनी के डायरेक्टर रामवीर सिंह से मुलाकात करने पहुंचे थे।
कर्मियों में झांसे में आकर कराई बुकिंग
उनकी मुलाकात फैक्ट्री के कर्मी रमन नागर व अंकित कुमार से हुई। उन्होंने कार्यालय के लिए निर्माणाधीन भवन दिखाया। कर्मियों ने प्रोजेक्ट में निवेश करने पर मोटा मुनाफा होने व निर्माण चार माह में पूरा हाेने का आश्वासन दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आरोप है कि कर्मियाें के झांसे में आकर उन्होंने 500 स्क्वायर फिट का एरिया बुक करा 21 हजार रुपए बुकिंग शुल्क जमा कर दिया। बिल्डर ने भवन का 29.75 लाख में सौदा तय किया। एग्रीमेंट के कागजात तैयार कराए।
चेक और नगद के जरिए दे डाले 17.11 लाख रुपए
पीड़ित ने अलग-अलग तारीखों में चेक व नगदी समेत 17.11 लाख रुपए बिल्डर को अदा कर दिए। बाकी की राशि बैनामा के समय देने की बात तय हुई। करीब चार माह बाद सहदेव निर्माण स्थल पर पहुंचा तो वहां कोई काम पूरा नहीं मिला। रमन व अंकित से बात की तो एक माह में पूरा होने की बात बोल कर टाल मटोल करते रहे।
पीड़ित परेशान होकर 21 जून 2025 को बिल्डर के कार्यालय पहुंचा। वहां फैक्ट्री के डायरेक्टर्स रामवीर सिंह, अक्षित पोद्दार, सिद्धार्थ जैन, ऋषभ जैन, अभिनव कुमार जैन, पवन जैन और कर्मी रमन और अंकित मिले। पीड़ित ने तय समय में निर्माण पूरा नहीं होने के चलते दी गई धनराशि वापस मांगी।
पैसे वापस मांगे तो की मारपीट
पीड़ित का आरोप है कि फैक्ट्री के डायरेक्टर्स व कर्मचारियों ने रुपए लौटाने से मना करते हुए गाली गलौज व मारपीट की। दोबारा रुपए मांगने पर जान से मारने की धमकी दी। परेशान पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली। प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार सिंह ने बताया डायरेक्टर्स व आरोपित कर्मचारियों पर मामला दर्ज किया है। जांच में मिले तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। |