सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, देहरादून: राजधानी में फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाला गिरोह पूरी तरह से सक्रिय है। पिछले कुछ समय से फर्जी जन्म प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड बनाने के कई मामले सामने आ चुके हैं।
शहर में यह नेटवर्क न केवल सक्रिय है बल्कि शहर के कई इलाकों में अपना दायरा भी बढ़ा रहा है। हैरानी की बात यह है कि शिकायतें मिलते रहने के बावजूद जिम्मेदार विभागों ने इस पूरे खेल पर आंखें मूंद रखी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दून पुलिस अब तक 17 बांग्लादेशियों नागरिकों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए 09 बांग्लादेशियों को डिपोर्ट कर चुकी है जबकि 08 को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज चुकी है। जेल भेजे गए 08 बांग्लादेशियों ने फर्जी दस्तावेज बनाए थे।
गंभीर मामला यह भी है कि अवैध रूप से दून पहुंचे बांग्लादेशी तमाम दस्तावेज बनाकर इसका लाभ भी ले रहे हैं। आने वाले समय में इन दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
इससे न केवल पुलिस की कार्यशैली पर बल्कि संबंधित विभागों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। पुलिस लंबे समय से बांग्लादेशियों पर कार्रवाई कर उनसे फर्जी दस्तावेज भी बरामद कर रही है, लेकिन दस्तावेज कहां से बन रहे हैँ, अभी तक इसका राजफाश नहीं हो पाया है।
सत्यापन अभियान पर भी उठ रहे हैं सवाल
पुलिस की ओर से वृहद स्तर पर सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी पकड़ में नहीं आ पा रहे हैं। त्यूणी से गिरफ्तार बांग्लादेशी ममून हसन निवासी मुजीबनगर मेहरपुर (बांग्लादेश) देहरादून में सचिन चौहान बनकर रह रहा था।
उसने रीना चौहान के पति सचिन चौहान के नाम से फर्जी दस्तावेज बनाए। वह वर्ष 2022 से देहरादून में रह रहा था, लेकिन सत्यापन में वह पकड़ में नहीं आ पाया। इसी तरह वर्ष 2021 में बांग्लादेश से दून पहुंची बबली खातून ने फर्जी दस्तावेज बनाकर अपना नाम भूमि शर्मा रख लिया।
उसने आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी तक सब कुछ नकली बना दिया, लेकिन चार साल बाद अब वह पकड़ी गई।
फर्जी तरीके से कैसे बन रहे आधार यह भी जांच का विषय
दून में कोई भी फर्जी आधार कार्ड बना दे रहा है, यह भी जांच का विषय है। पुलिस जांच में सामने आया है कि बबली खातून से भूमि शर्मा बनी बांग्लादेशी महिला ने मकान मालिक का रेंट एग्रीमेंट व बिजली बिल के आधार पर पलटन बाजार से दो हजार रुपये देकर आधार कार्ड बनाया था।
आधार कार्ड बनाते समय उसने अपने पिता का नाम दिनेश शर्मा बताया। अब पूरी सत्यता जांचने के लिए पुलिस ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) को पत्र लिखकर सभी दस्तावेज मंगवाए हैं। इससे स्पष्ट हो सकेगा कि उसने किन दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड बनाया है।
दून में ब्यूटिशियन का काम कर रही थी बबली खातून
वर्ष 2021 में देहरादून आने के बाद बबली खातून ने ब्यूटीशियन का काम सीखा और इसके बाद शादियों में जाकर दुल्हन तैयार करती थी। कुछ समय तक वह लिव इन में दीपक बहुगुणा नाम युवक के साथ रही। हालांकि दोनों ने एक कमरे में एक-दूसरे के गले में फूलों की माला डालकर शादी की, लेकिन कुछ समय बाद ही दोनों अलग-अलग रहने लगे।
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