पुलिस को पति का बयान सुनकर ही हो गया था शक। जागरण
जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। हाजरा की मौत का पर्दाफाश अब साफ-साफ घरेलू हिंसा की कहानी बनकर सामने आयी है। शुक्रवार रात चिल्हिया क्षेत्र के बोकनार गांव में नहर किनारे झोपड़ी में मिला खून से सना शव बता रहा था कि यह किसी बाहरी वारदात का परिणाम नहीं, बल्कि घर के भीतर भड़की क्रूरता का चरम था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बोकनार निवासिनी हाजरा का पति कमरूद्दीन रात आठ बजे नशे में घर पहुंचा। घर पहुंचते ही उसने पत्नी से खाना मांगा। हाजरा ने रोटी सब्जी भोजन में परोस दिया। कमरूद्दीन ने सब्जी का स्वाद खराब बताते हुए विवाद छेड़ा। मामूली बात पर शुरू हुई कहासुनी कुछ ही क्षणों में उग्र रूप ले गई। ग्रामीणों ने झोपड़ी से उठती ऊंची आवाजें भी सुनीं।
झगड़े की गर्मी में कमरुद्दीन ने हाजरा के सिर पर जोरदार वार कर दिया, जिसकी चोट ने वहीं उसकी सांसें रोक दीं। हत्या के बाद वह घबरा गया। कपड़ों पर लगे खून के दाग धोकर उन्हें छप्पर में छिपाने की उसकी जल्दबाजी ही सबसे बड़ा सबूत बन गई। झोपड़ी का बंद दरवाजा, संघर्ष के निशान न होना और आसपास किसी बाहरी व्यक्ति की मौजूदगी का अभाव सबने कहानी को उसी की ओर मोड़ दिया।
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फारेंसिक टीम कपड़ों व खून के नमूनों की जांच में जुटी है। गांव में अब चर्चा एक ही है कि यह हत्या बाहर से नहीं आई, बल्कि सब्जी के स्वाद जैसी तुच्छ वजह पर घर के भीतर ही जन्मी थी। अधिकारी सूत्रों का कहना है कि अगले 24 घंटे में इस दर्दनाक वारदात का आधिकारिक खुलासा सामने आ सकता है। |