संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। ओडिशा और झारखंड में कोयला उत्पादन को नई गति मिलने जा रही है। कोयला मंत्रालय ने क्षेत्र के तीन अहम ब्लॉकों—झारखंड के पिरपैंती बाराहाट और धुलिया नॉर्थ, तथा ओडिशा के मन्दाकिनी-बी—की नीलामी पूरी कर ली है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इन ब्लॉकों में कोयले का भंडार 3,306.58 मिलियन टन से अधिक है। मंत्रालय का मानना है कि इससे दोनों राज्यों में औद्योगिक गतिविधियां तेज होंगी और बिजली व इस्पात उद्योग को स्थिर आपूर्ति का लाभ मिलेगा।
स्थानीय युवाओं को बड़ी उम्मीद
नीलामी के बाद ओडिशा और झारखंड क्षेत्र में 66,248 से अधिक रोजगार के अवसर बन सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि खनन कार्य से जुड़े ठेका, परिवहन, मशीनरी और स्थानीय सेवाओं में भी बड़े स्तर पर नौकरियां पैदा होंगी।
खनन क्षेत्रों में बदल जाएगी तस्वीर
ओडिशा के अनुगुल क्षेत्र का मन्दाकिनी-बी ब्लॉक पहले से ही राज्य के महत्वपूर्ण औद्योगिक इलाके के पास स्थित है। इसके संचालन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा सहारा मिलेगा।
वहीं झारखंड में पिरपैंती बाराहाट और धुलिया नॉर्थ को लेकर दोनों ही जिलों में निवेश बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
निजी कंपनियों की सक्रियता बढ़ेगी
2020 के बाद से सरकार ने कोयला ब्लॉकों को व्यावसायिक खनन के लिए खोला है। इससे कंपनियों को सिर्फ अपने प्लांट के लिए नहीं, बल्कि बाजार में कोयला बेचने का अधिकार भी मिला है।
इस नए सिस्टम से दोनों राज्यों में उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और आयात पर निर्भरता घटेगी।
स्थानीय प्रशासन हुआ अलर्ट
खबर है कि दोनों राज्यों में जिला प्रशासन ने खनन शुरू होने से पहले पर्यावरणीय मंजूरियों, सड़क संपर्क और सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
झारखंड को मिला सबसे बड़ा लाभ
पिरपैंती बाराहाट (झारखंड)
धुलिया नॉर्थ (झारखंड)
ओडिशा का प्रमुख ब्लॉक
मन्दाकिनी-बी (अनुगुल , ओडिशा)
कुल भंडार: 3,306.58 मिलियन टन
संभावित वार्षिक उत्पादन: 49 एमटीपीए
संभावित निवेश: 7,350 करोड़
राजस्व (वार्षिक): 4,620.69 करोड़
स्थानीय रोजगार: 66,248 से अधिक |