भागलपुर-अगरपुर-कोतवाली फोरलेन सड़क बनाने वाली एजेंसी का नहीं हो सका चयन
जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर-अगरपुर-कोतवाली फोरलेन सड़क बनाने वाली एजेंसी का चयन नहीं हो सका। योजना री-टेंडर में फंस गई है। लंबे समय से जिस सड़क के चौड़ीकरण को लेकर तैयारियां चल रही थी, वह अब अनिश्चितता के दौर में फंस गई है। फोरलेन निर्माण के लिए तकनीकी स्वीकृति (टीएस) अब तक नहीं मिल सकी है, जिसके कारण चुनाव से पहले तेजी से अपनाई जा रही टेंडर प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऐसे में इस सड़क के निर्माण कार्यों की शुरुआत जल्द संभव नहीं दिखती। हालांकि विभागीय अधिकारी जल्द ही सभी बाधाओं को दूर करने का दावा कर रहे हैं। पर मौजूदा स्थिति को देखते हुए निर्माण समय पर शुरू होने की संभावना कम नजर आ रही है। इस परियोजना का शिलान्यास 05 अक्टूबर को किया गया था।
फोरलेन का निर्माण एक करोड़ एक लाख की राशि से होनी है। निर्माण का समय 24 महीने निर्धारित है। निर्माण एजेंसी को पांच सालों तक मेंटेनेंस करना अनिवार्य होगा।
पथ निर्माण विभाग द्वारा फोरलेन निर्माण कार्य को 24 महीनों की समयावधि में पूरा करने यानी 2027 तक की योजना बनाई गई थी, लेकिन टेंडर प्रक्रिया की पेच में ढाई महीने बीत जाने के बाद भी यह प्रक्रिया अंतिम रूप नहीं ले पाई, जबकि कई बार टेंडर की तिथि बढ़ाई गई थी।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि टीएस तैयार कर स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है और मंजूरी मिलते ही फिर निविदा जारी की जाएगी।
इधर, टीएस को तुरंत मंजूरी मिल जाए तो आगे की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है, लेकिन यह भी है कि इसकी मंजूरी में समय लग सकता है, इसलिए कि तकनीकी स्वीकृति उच्च स्तरीय जांच के बाद मिलती है। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया में कम से कम तीन महीने का समय और लगेगा। ऐसे छह माह की देरी लग सकती है।
दूसरी ओर, लोहिया पुल से अलीगंज के बीच प्रस्तावित फोरलेन के लिए तकनीकी स्वीकृति मिल गई है। इस मार्ग से बिजली पोल-तार की शिफ्टिंग के लिए भी एस्टिमेट भी तैयार हो गया है। जल्द ही बिजली विभाग पथ निर्माण विभाग को सौंपेगा।
भागलपुर-अगरपुर-कोतवाली फोरलेन के लिए तकनीकी स्वीकृति नहीं मिली थी, जिसकी वजह से इसके टेंडर को रद्द कर दिया गया है। टीएस को स्वीकृति मिलने के बाद फिर से टेंडर किया जाएगा। - अरविंद गुप्ता, कार्यपालक अभियंता, आरसीडी |