जम्मू–कश्मीर व लद्दाख हाई कोर्ट ने पुंछ जिले के मेंढर में मिनी सचिवालय (फाइल फोटो)
जेएनएफ, जम्मू। जम्मू–कश्मीर व लद्दाख हाई कोर्ट ने पुंछ जिले के मेंढर में मिनी सचिवालय के निर्माण में नौ साल से चल रही देरी पर कड़ी नाराजगी जताई है। अदालत ने कहा कि परियोजना पर लगभग सात करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद आज तक इमारत अधूरी है, जो पूरी तरह अस्वीकार्य है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कोर्ट ने जिम्मेदार अधिकारियों को 26 नवंबर को वीडियो कान्फ्रेंसिंग से पेश होने का निर्देश दिया है और मामले को प्राथमिकता सूची में ऊपर रखने के आदेश दिए हैं। चीफ जस्टिस अरुण पाली और जस्टिस रजनीश ओसवाल की खंडपीठ यह आदेश अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए दिया।
यह अवमानना मामला वर्ष 2016 के उस आदेश से जुड़ा है, जिसमें हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि मेंढर मिनी सचिवालय का निर्माण वर्ष 2017 के अंत तक पूरा कर कार्यशील बनाया जाए।
वर्ष 2016 के निर्णय में अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि यदि इमारत पूरी नहीं हुई तो परियोजना पर खर्च हुए सात करोड़ व्यर्थ चले जाएंगे। कोर्ट ने सरकार को परिसर में पार्क और पार्किंग की व्यवस्था पर विचार करने को कहा था। 19 अगस्त 2025 को दायर नवीनतम स्थिति रिपोर्ट में कहा गया कि भवन के निर्माण में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। इस लंबी देरी की कोई संतोषजनक वजह न मिलने पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि वरिष्ठ अधिकारी अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से ऑनलाइन उपस्थित हों । |