बढ़ती ठंड के साथ गया शहर की हवा हुई खराब। फोटो सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, गयाजी। शहर में ठंड बढ़ने के साथ ही वायु गुणवत्ता तेजी से बिगड़ने लगी है। शहर का वायु प्रदूषण स्तर चिंताजनक स्थिति में पहुंच चुका है। सोमवार को सुबह में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 179 दर्ज किया गया, जबकि दोपहर में थोड़ी गिरावट देखी गई और यह घटकर 174 दर्ज किया गया। इसके कारण शहर पिंक जोन में शामिल हो गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सबसे अधिक हवा में प्रदूषण का स्तर जिलाधिकारी कार्यालय क्षेत्र में रहा, जहां 234 वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया गया। इसके साथ करीमगंज क्षेत्र में 216 एवं शहर के दक्षिणी क्षेत्र खुशडीहरा में सबसे कम यानी 78 दर्ज किया गया। वायु में प्रदूषण की बढ़ती मात्रा बच्चों और वृद्ध लोगों के लिए गंभीर समस्या बनती जा रही है। सांस की बीमारी, आंखों में जलन और खांसी की शिकायतें बढ़ सकती हैं।
शहर के सबसे अधिक प्रदूषित इलाके समाहरणालय और करीमगंज क्षेत्र पाए गए हैं। इन क्षेत्रों में धूल-कण और जहरीली गैसों की मात्रा सामान्य से कई गुणा अधिक दर्ज की गई है।
शहर के लोगों ने बताया कि सुबह और शाम में प्रदूषण अधिक बढ़ जाता है, जिससे सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है। वहीं, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, ठंड बढ़ने के साथ हवा का प्रवाह धीमा हो जाता है, जिसके कारण प्रदूषण कण वातावरण में ही जमा रह जाते हैं।
यदि प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है। लोगों को अनावश्यक वाहन का प्रयोग कम करने, कूड़ा जलाने पर रोक लगाने और मास्क का उपयोग करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
शहर के बदलते मौसम और बिगड़ती हवा की गुणवत्ता को देखते हुए चिकित्सक डॉ. मृत्युंजय कुमार सिंह ने बच्चों, वृद्धों और दमा से पीड़ित लोगों को घर से कम निकलने की सलाह दी है। अगर समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो शहर की आबोहवा स्वास्थ्य के लिए और भी खतरनाक साबित हो सकती है।
वायु प्रदूषण का वितरण
AQI रेंज वायु गुणवत्ता
0 - 50
अच्छा
51 - 100
मध्यम
101 - 200
मध्यम
201 - 300
खराब
301 - 400
बहुत खराब
401 - 500
गंभीर
|