deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

हरियाणा के युवाओं को बेचने का रैकेट बेनकाब, हिसार के दो एजेंट गिरफ्तार; म्यांमार आर्मी ने किया था डिपोर्ट

deltin33 Yesterday 03:36 views 673

  

गुरुग्राम साइबर पुलिस ने म्यांमार में मानव तस्करी करने वाले दो एजेंटों को गिरफ्तार किया है। फाइल फोटो



विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। इस महीने म्यांमार आर्मी द्वारा 1,000 से ज़्यादा लोगों को भारत भेजे जाने से देश के अंदर बड़े पैमाने पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग ऑपरेशन का पता चला है। चीनी सिंडिकेट के लिए काम करने वाले भारतीय एजेंट हरियाणा समेत पूरे देश के युवाओं को नौकरी का झूठा वादा करके फंसा रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

म्यांमार में गैर-कानूनी तरीके से घुसने के बाद लोगों को साइबर फ्रॉड में फंसाया जा रहा है। गुरुग्राम साइबर पुलिस ने ऐसे ही एक रैकेट का भंडाफोड़ किया है। रविवार को एक केस की जांच करते हुए साइबर पुलिस ने हिसार से दो एजेंट को गिरफ्तार किया।

साइबर पुलिस के मुताबिक, उनकी पहचान 24 साल के संदीप और 26 साल के मुकुल के तौर पर हुई है। संदीप हिसार के हरिता गांव का रहने वाला है, और मुकुल महावीर कॉलोनी का रहने वाला है। पूछताछ में पता चला कि संदीप दिसंबर 2024 में और मुकुल जून 2025 में म्यांमार गया था, जहां वे चीनी मूल के लोगों से मिले और साइबर सिंडिकेट के लिए काम करने लगे।

एक चीनी गिरोह भारत और दूसरे देशों के युवाओं को नौकरी का झांसा देकर साइबर कॉल सेंटर में काम करने के लिए लुभा रहा है। हरियाणा से आए ये दो आरोपी भी उनके लिए एजेंट के तौर पर काम करते थे और हरियाणा में अपने जान-पहचान वालों को नौकरी का झांसा देकर फंसाने लगे। वे एक साल में करीब 10 लोगों को थाईलैंड भेजते थे, जहां पहुंचने पर वीजा मिल जाता है।

वहां से, गिरोह के सदस्य युवाओं को गाड़ियों में भरकर गैर-कानूनी तरीके से म्यांमार के म्यावाडी जिले के केके पार्क ले जाते थे। इसके लिए दोनों एजेंटों को 6,000 थाई बात (17,000 से 20,000 भारतीय रुपये) का कमीशन मिलता था। इसके अलावा, ये दोनों एजेंट साइबर फ्रॉड के लिए कॉल सेंटर में भी काम करते थे। उन्होंने साल में 10 लाख रुपये से ज़्यादा कमाने की बात मानी है। जब म्यांमार में युवा काम करने से मना करते थे, तो वे उन्हें घर से लाखों रुपये भेजते थे।

दोनों आरोपियों से पूछताछ में यह भी पता चला कि वे टेलीग्राम के ज़रिए युवाओं से संपर्क करते थे। जब वे म्यावाडी के केके पार्क पहुंचते थे, तो उनसे एक बॉन्ड पर साइन करवाए जाते थे। इस दौरान उन्हें साइबर फ्रॉड करना सिखाया गया। जब नौजवानों ने मना किया तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई।

उनसे भारत लौटने के लिए लाखों रुपये भी ट्रांसफर करवाए गए। जिस मामले में इन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, उसमें पीड़ित भोड़ाकला गांव के रहने वाले सचिन से भी इन एजेंटों ने कथित तौर पर उसके परिवार से करीब चार लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए थे।

यह पैसा मुकुल के अकाउंट में ट्रांसफर किया गया था। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को 10 नवंबर को म्यांमार आर्मी ने डिपोर्ट किया था। सचिन को 18 नवंबर को डिपोर्ट किया गया था। उससे पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ मानेसर साइबर थाने में केस दर्ज किया गया।


मामले में गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को तीन दिन के रिमांड पर लिया गया है। इस दौरान उनसे उनके गैंग के नेटवर्क के बारे में पूछताछ की जाएगी और म्यांमार में उनके साथियों के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी।

प्रियांशु दीवान, ACP साइबर क्राइम
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments
deltin33

He hasn't introduced himself yet.

510K

Threads

0

Posts

1710K

Credits

administrator

Credits
170954