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भारत-कनाडा 2030 तक 50 अरब डॉलर तक ले जाएंगे दोतरफा कारोबार, गोयल ने बताए इसके उपाय

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भारत-कनाडा 2030 तक 50 अरब डॉलर तक ले जाएंगे दोतरफा कारोबार, गोयल ने बताए इसके उपाय



India Canada Trade News: भारत और कनाडा वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने के मकसद से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर फिर से बातचीत करने पर सहमत हो गए हैं। इस समझौते को कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (CEPA) नाम दिया गया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के मुताबिक, हम CEPA पर बातचीत शुरू करने और 2030 तक दोनों देशों के बीच ट्रेड दोगुना करने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश स्वाभाविक सहयोगी हैं और एक-दूसरे से मुकाबला नहीं करते। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इंडो-कनाडियन बिजनेस चैंबर को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा, “हम कनाडा से बहुत कुछ सीख सकते हैं और कनाडा को बहुत कुछ दे सकते हैं। क्रिटिकल मिनरल्स और इनकी प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी में काफी संभावनाएं हैं। परमाणु ऊर्जा में भी अच्छी संभावना है, खासकर कनाडा से यूरेनियम सप्लाई के मामले में। उन्होंने कहा कि दोनों तरफ सप्लाई चेन को डायवर्सिफाई किया जा सकता है।
जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में रुक गई थी बातचीत

कनाडा ने वर्ष 2023 में भारत के साथ FTA के लिए बातचीत रोक दी थी। कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के आरोपों के बाद दोनों देशों के रिश्ते बहुत खराब हो गए थे। भारत ने ट्रूडो के आरोप को “बेतुका“ बताकर खारिज कर दिया था। इस वर्ष जून में कनाडा के कनानास्किस में G7 समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कनाडाई पीएम मार्क कार्नी के साथ बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में नई जान आई।

जोहानिसबर्ग में G20 समिट के दौरान मोदी और कार्नी के बीच बैठक का जिक्र करते हुए गोयल ने बताया कि दोनों नेता CEPA के लिए बातचीत शुरू करने और 2030 तक आपसी ट्रेड दोगुना करने पर सहमत हुए। उससे पहले मार्च 2022 में दोनों देशों ने एक अंतरिम समझौते के लिए बातचीत शुरू की थी, जिसे अर्ली प्रोग्रेस ट्रेड एग्रीमेंट (EPTA) कहा गया।
अब तक कम से कम छह दौर की वार्ता

इस समझौते पर अब तक आधा दर्जन से अधिक दौर की बातचीत हो चुकी है। व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए गोयल ने कनाडा के निर्यात संवर्धन, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और आर्थिक विकास मंत्री मनिंदर सिद्धू के साथ दो दौर की बात की है। सिद्धू हाल ही यहां आए थे।

वर्ष 2023-24 में कनाडा को भारत का निर्यात 3.84 अरब डॉलर से 2024-25 में 9.8 प्रतिशत बढ़कर 4.22 अरब डॉलर हो गया। हालांकि, पिछले आयात 2.33 प्रतिशत घटकर 4.44 अरब डॉलर रह गया, जो 2023-24 में 4.55 अरब डॉलर था। भारत और कनाडा के बीच वस्तु एवं सेवा का द्विपक्षीय व्यापार 2023 में 18.38 अरब डॉलर था। कनाडा में लगभग 29 लाख भारतीय डायस्पोरा और 4,27,000 से ज्यादा भारतीय छात्र हैं।
गोयल ने बताए संभावनाओं वाले क्षेत्र

गोयल ने कहा, हम डेटा सेंटर, क्वांटम कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग जैसी उभरती टेक्नोलॉजी पर फोकस कर सकते हैं, ये सभी नए जमाने की टेक्नोलॉजी हैं, जहां भारत के पास AI उभरती टेक्नोलॉजी का फायदा उठाने वाले निवेशकों के लिए बहुत स्ट्रेटेजिक फायदे हैं। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग और अगली पीढ़ी के डेटा सेंटर जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में मजबूत लाभ प्रदान करता है।

उन्होंने दोनों देशों के बीच बातचीत को ठोस नतीजों में बदलने की जरूरत पर जोर दिया। गोयल ने कहा, “हमें CEO फोरम को सक्रिय करना चाहिए और 2026 की पहली तिमाही में फोरम को फिर से शुरू करना चाहिए। बिजनेस-टू-बिजनेस संपर्क से सरकारी रिश्तों में मदद मिलेगी।“

उन्होंने कहा कि ACITI (ऑस्ट्रेलिया-कनाडा-इंडिया टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन) पार्टनरशिप को पूरी गंभीरता से आगे बढ़ाया जाना चाहिए। हम साझा इनोवेशन पर विचार कर सकते हैं। ऐसे फोकस एरिया की पहचान करने की जरूरत है जहां दोनों पक्ष सहयोग बढ़ा सकें। क्रिटिकल मिनरल, क्रिटिकल एनर्जी, एयरोस्पेस, डिफेंस और मैन्युफैक्चरिंग कुछ ऐसे क्षेत्र हैं।
स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने में सक्षम भारत

वाणिज्य मंत्री ने कहा कि भारत का 500 GW का नेशनल पावर ग्रिड, जिसमें 250 GW की क्लीन एनर्जी शामिल है, AI-आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जरूरी लचीलापन देता है। वर्ष 2030 तक क्लीन एनर्जी क्षमता को दोगुना करके 500 GW करने का भारत का लक्ष्य देश को एक भरोसेमंद और सस्टेनेबल पार्टनर के तौर पर दिखाता है। भारत उन कुछ डेमोक्रेसी में से है जो प्रतिस्पर्धी दरों पर 24 घंटे क्लीन एनर्जी देने में सक्षम हैं।

गोयल ने भारत की मजबूत आर्थिक बुनियाद पर भी जोर दिया, और कहा कि देश “फ्रैजाइल फाइव“ से निकलकर दुनिया की शीर्ष पांच इकोनॉमी में शामिल हो गया है। अगले दो-ढाई सालों में इसके दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पिछले 11 सालों में भारत का स्टॉक मार्केट लगभग साढ़े चार गुना बढ़ा है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेशकों के भरोसे को दिखाता है।
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