deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

अमरोहा के पतेई खादर गांव में काला पीलिया से हाहाकार, 70 से अधिक लोग संक्रमित

LHC0088 3 day(s) ago views 1120

  



जागरण संवाददाता, अमरोहा। गंगेश्वरी विकास खंड के अंतर्गत आने वाले गांव पतेई खादर में काला पीलिया (हेपेटाइटिस सी) का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। वर्तमान समय में 70 से अधिक ग्रामीण इस बीमारी से जूझ रहे हैं।

कई लोग मेरठ, मुरादाबाद और अन्य शहरों के अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं। पिछले पांच वर्षों में 20 से अधिक ग्रामीणों की मौत काला पीलिया से जुड़ी जटिलताओं के कारण हो चुकी है, जिससे गांव में भय और चिंता का माहौल है। ग्रामवासियों ने पानी को जिम्मेदार बताया, बगद नदी के किनारे बसे इस गांव में लोगों का मानना है कि प्रदूषित पेयजल बीमारी फैलने की प्रमुख वजह है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ग्रामीणों के अनुसार, नदी का दूषित जल और उसके आसपास की पर्यावरणीय स्थिति स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाती है। हालांकि, सरकार की ओर से पेयजल संकट को देखते हुए पानी की टंकी की स्थापना कराई गई है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि इसके बाद भी बीमारी पर अंकुश नहीं लग पाया है।

स्वास्थ्य विभाग मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेषज्ञों से संपर्क कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बीमारी की सही वजह समझने और रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है।
यह बोले पीलिया से ग्रस्त लोग-


मुझे भूख कम लगती थी तथा खाना खाने के बाद सीने में जलन होने लगती थी। वहीं, मेरा रंग काला होता जा रहा है। मैंने दो महीने पहले अपने खून की जांच लाल पैथोलाजी लैब दिल्ली में कराई। चिकित्सक ने काला पीलिया बताया है। जिसका इलाज चल रहा है।

नरेंद्र कुमार त्यागी, ग्रामीण।

मुझे खाना खाने के बाद उल्टी आती है खाना सही से नहीं पचता, भूख बहुत कम लगती है। मेरा रंग काला होता जा रहा है। मैंने चिकित्सक से सलाह ली तो उन्होंने बताया कि अपने खून की जांच कराओ, मैंने अपने खून की जांच छह महीने पहले दिल्ली लैब से कराई थी। जिसमें मुझे काला पीलिया बताया गया। तीन महीने मेरा इलाज अमरोहा सरकारी अस्पताल से चला। चौथे महीने में मैंने जांच कराई जिसकी अभी रिपोर्ट नहीं आई है।

बिकलिस खातून, ग्रामीण।

मुझे कई माह से भूख नहीं लग रही थी। मेरे सीने में जलन रहती थी और हाथ पांव में जान नहीं रही थी। हर समय थकान रहती थी। चिकित्सक की सलाह से 20 दिन पहले खून की जांच दिल्ली से कराकर मंगाई है। जिससे पता चला कि हेपेटाइटिस सी काला पीलिया है। मैंने अभी दवाई नहीं ली है। मैं कई बार सरकारी अस्पताल अमरोहा गया लेकिन, अभी मेरा इलाज शुरू नहीं किया गया है।

राजकुमार, ग्रामीण।

काला पीलिया से इन लोगों की जा चुकी है जान

श्याम लाल सैनी 75 वर्ष, होसराम सैनी 55 वर्ष, सविता 50 वर्ष, इस्लाम 50 वर्ष, अनवरी 40 वर्ष, वेदपाल 50 वर्ष, मीनू त्यागी 38 वर्ष, पूनम त्यागी 50 वर्ष, धर्मपाल सिंह भाटी 60 वर्ष, रामस्वरूप सैनी 78 वर्ष, गंगाशरण भाटी 70 वर्ष की करीब दो वर्ष के अंतराल में मृत्यु हो चुकी है।
इन लोगों का चल रहा इलाज

हेपेटाइटिस सी के संक्रमण की जांच में पुष्टि होने पर रमेश सिंह प्रधान पति, इंदिरा देवी, नरेंद्र त्यागी, अफसाना, चौधरी फारूक, बदन सिंह जाटव, सतवीर त्यागी, शीशपाल, नीरज कुमार जाटव, उर्मिला सैनी, बलराम सिंह, सोमवती देवी, ब्रह्मपाली भाटी, सूरज भाटी, गरज भाटी, गुड्डी देवी इन सभी का सरकारी अस्पताल अमरोहा से इलाज चल रहा है।
यह होता है काला पीलिया

काला पीलिया आमतौर पर हेपेटाइटिस बी अथवा सी के लिए प्रयोग किया जाने वाला सामान्य बोलचाल का नाम है। यह एक वायरल संक्रमण है जो लिवर (यकृत) को प्रभावित करता है और समय पर इलाज न मिले तो गंभीर रूप ले सकता है।


हेपेटाइटिस सी खून से फैलता है यानी किसी के माता-पिता को होता है तो संतान में भी लक्षण आ जाते हैं, दूसरे नाई की दुकान पर एक ब्लेड से कई कई लोगों की सेविंग करने अथवा झूठे बर्तन में खाने पीने से भी संक्रमण एक दूसरे में आ जाते हैं। पतेई खादर ही नहीं पश्चिमी यूपी में ही हेपेटाइटिस सी लोगों में शिकायत है। इंफेक्शन की जांच और जिला अस्पताल में दवाई मौजूद हैं।

डा. शशांक चौधरी चिकित्सा अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गंगेश्वरी।
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1210K

Credits

Forum Veteran

Credits
124915