हापुड़ में ध्वनि प्रदूषण से उत्पन्न हो रही कई समस्याएं।
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर। सिस्टम और ईमानदारी कहा है साहेब, मंदिर में पूजा करते समय और मस्जिद में अजान लगाने पर लाउडस्पीकर की आवाज से ध्वनि प्रदूषण नहीं होता है। बरात में कई कई डीजे से धरती दहल जाती है। मकान भूकंप की तरह हिलते है तो मरीजों का दिल झटके लेता है। युवा की जिंदगी में शादी का लम्हा महत्वपूर्ण होता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दूल्हा हो या दुल्हन की जिंदगी में बारात की खुशी का माहौल तो होना ही चाहिए। मगर कुछ नियम कानून के साथ ही खुशी को कायम रखा जा सकता है। वरना हर्ष फायरिंग पर रोक क्यों। लाइसेंसी शस्त्र से हर्ष फायरिंग के समय दर्दनाक हादसे हुए जिन्हें रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाकर हर्ष फायरिंग पर रोक लगाई गई। जिससे लाइसेंसी शस्त्र केवल शो पीस बनकर रह गए हैं।
वहीं एक बरात में कई डीजे धरती को दहला दे भूकंप की तरह घर हिलने लगे। घर में बुजुर्ग मरीज का दिल झटके लेने लगे तो सिस्टम की अनदेखी न्याय संगत नहीं मानी जा सकती है। वरिष्ठ नागरिक रोशन लाल ने बताया एक बारात में तीन डीजे की आवाज से घर हिलने लगा दिल बैठने लगा। घर में रखा समान गिर गया मानो ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया।
चौधरी शेखावत अली ने बताया डीजे का ध्वनि प्रदूषण घातक है। मरीजों का जान लेवा साबित हो रहा है। सिस्टम इस पर रोक लगाने में नाइंसाफी के साथ नाकाम है। |