एच-1बी वीजा को ट्रंप का फिर समर्थन, कहा- हमें विदेशी प्रतिभाओं की जरूरत (फोटो- रॉयटर)
आइएएनएस, वाशिंगटन। भारतीय पेशेवरों में लोकप्रिय एच-1बी वीजा का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि विदेशी प्रतिभाओं की जरूरत है, क्योंकि वे अमेरिकी कामगारों को प्रशिक्षित करती हैं।
उन्होंने इस वीजा के लिए ऐसे समय समर्थन दोहराया है, जब उनकी रिपब्लिकन पार्टी के कई नेता एच-1बी वीजा कार्यक्रम को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। ट्रंप ने पिछले सप्ताह वीजा कार्यक्रम का बचाव करते हुए कहा था कि अमेरिका को दुनिया भर से प्रतिभाओं को लाना होगा, क्योंकि हमारे देश में कुछ खास प्रतिभाएं नहीं हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, \“हम अमेरिका में बहुत कम चिप बनाते हैं, लेकिन आने वाले एक वर्ष में हम बड़े पैमाने पर चिप का निर्माण करने जा रहे हैं। हम चिप मार्केट का बड़ा हिस्सा हासिल करने जा रहे हैं। लेकिन हमें अपने लोगों को चिप बनाना सिखाना होगा। अमेरिका पहले यह काम करता था। हमने गलती से यह उद्योग ताइवान के हाथों गंवा दिया।\“
पिछले सप्ताह ट्रंप ने फाक्स न्यूज पर लौरा इंग्राहम को दिए एक इंटरव्यू में भी एच-1बी वीजा का समर्थन किया था। उनसे जब यह पूछा गया था कि क्या एच-1बी वीजा का मुद्दा उनके प्रशासन के लिए बड़ी प्राथमिकता नहीं होगा।
इसके जवाब में ट्रंप ने कहा था, \“मैं सहमत हूं, लेकिन आपको प्रतिभाओं को भी लाना होगा।\“ जब इंग्राहम ने कहा, \“हमारे पास बहुत प्रतिभाएं हैं।\“ तो ट्रंप ने कहा, \“नहीं, आपके पास नहीं हैं। आपके पास कुछ खास प्रतिभाएं नहीं हैं। लोगों को सीखना होगा।\“
उन्होंने कहा, \“आप लोगों को बेरोजगारी की कतार से हटाकर यह नहीं कह सकते कि मैं तुम्हें किसी फैक्टरी में लगा दूंगा, हम मिसाइल बनाएंगे।\“ अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान के बाद कई रिपब्लिकन नेताओं ने एच-1बी वीजा कार्यक्रम को बंद करने की मांग शुरू कर दी। इसके बाद व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया कि वीजा आवेदन पर एक लाख डालर का शुल्क गड़बडि़यों को रोकने की दिशा में पहला अहम कदम है।
भारतीयों को मिला सबसे ज्यादा वीजा
ट्रंप ने गत सितंबर में एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर सख्ती के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत 21 सितंबर के बाद एच-1बी वीजा के लिए दाखिल किए गए नए आवेदनों के साथ पात्रता की शर्त के तौर पर शुल्क के रूप में एक लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपये) का भुगतान करना आवश्यक कर दिया गया है।
यह वीजा भारतीयों में खासा लोकप्रिय है। हालिया वर्षों में जितना एच-1बी वीजा जारी किया है, उसमें 71 प्रतिशत से ज्यादा वीजा भारतीयों को मिला है। अमेरिकी टेक कंपनियां इस वीजा के आधार पर अपने यहां उच्च कुशल विदेशी कामगारों को नौकरी देती हैं। |