LHC0088 • 2025-11-18 21:38:29 • views 190
अदालत ने 11 माह में ही आरोपित इरशाद को साक्ष्यों के आधार पर फांसी की सजा सुनाई।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। बीते वर्ष रामनगर में एक बालिका की हत्या के मामले में आरोपित इरशाद को अदालत ने मंगलवार को एडीजे पाक्सो कोर्ट न फांसी की सजा सुनाई है। लगभग 11 माह की जांच और सुनवाई के बाद जज ने इरशाद के कृत्यों और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर यह कठोर सजा सुनाई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वाराणसी के रामनगर क्षेत्र में 25 दिसंबर को एक मासूम बच्ची का शव बंद बोरे में अर्द्धनग्न अवस्था में मिला था। बच्ची के शव की बरामदगी ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंच कर तुरंत जांच शुरू की थी। वाराणसी के तत्कालीन डीसीपी रहे काशी गौरव बंशवाल के अनुसार आठ साल की बच्ची का शव प्राथमिक विद्यालय के पास मिला था। इसके बाद जांच शुरू की गई थी।
बोरे में बंद बच्ची का शव मिलने के बाद पुलिस-प्रशासन के होश उड़ गए थे। रामनगर थाना पुलिस और एसओजी टीम ने तुरंत घटना की जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच के बाद पूरी घटना का खुलासा हुआ। फुटेज में दिखा कि इरशाद, जो बच्ची के घर के पास रहता था, उसने बच्ची की रेकी की। उसने बच्ची को अगवा कर दुष्कर्म का प्रयास किया। जब वह इस प्रयास में सफल नहीं हुआ, तो उसने बच्ची के सिर को पत्थर से कुचल दिया।
बच्ची की हत्या के बाद इरशाद ने शव को बोरे में भरकर प्राइमरी स्कूल में फेंक दिया। इसके बाद विवेचना साक्ष्यों के आधार पर करने के बाद अदालत में चार्जशीट दाखिल करने के बाद मामले की सुनवाई में तेजी आई और 11 वें महीने में ही अदालत ने आरोपित को साक्ष्यों के आधार पर फांसी की सजा सुना दी। |
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