मुख्यमंत्री फडणवीस ने 5,757 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत
राज्य ब्यूरो मुंबई, 13 नवंबर। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज नासिक-त्र्यंबकेश्वर कुंभ के लिए छह हजार करोड़ रुपयों की परियोजनाओं का शिलान्यास करते हुए कहा कि यह कुंभ 28 महीने चलेगा। इसे देखते हुए अब तक कुल 20,000 करोड़ रुपयों के विकास कार्यों को मंजूरी दी गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गुरुवार को नासिक में कई परियोजनाओं का भूमिपूजन करने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह कुंभ विशेष है क्योंकि यह 75 वर्षों के बाद \“त्रिखंड योग\“ के दौरान आ रहा है। इसलिए, यह 28 महीने तक जारी रहेगा। यह 31 अक्टूबर, 2026 को शुरू होगा और 24 जुलाई, 2028 तक जारी रहेगा।
28 महीने चलेगा नासिक-त्र्यंबकेश्वर कुंभ
दुनिया भर से लोग प्रयागराज कुंभ में आए थे। नासिक कुंभ भी इस परंपरा का एक हिस्सा है। हालांकि, अंतर यह है कि प्रयागराज कुंभ गंगा के तट पर 15,000 हेक्टेयर भूमि पर होता है, जबकि हमारे पास नासिक और त्र्यंबकेश्वर में केवल 500 एकड़ भूमि है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारों ने 20,000 करोड़ रुपए की लागत वाले कार्यों को मंजूरी दी है। इनमें लोक निर्माण विभाग द्वारा 2,270 करोड़ रुपए की लागत वाले प्रस्तावित कार्य और नासिक नगर निगम (एनएमसी) द्वारा 3,338 करोड़ रुपये की लागत वाले कार्य शामिल हैं।
5,757 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत
फडणवीस ने कहा कि हमारा प्रयास है कि कुंभ के उद्देश्य से हो रहे विकास कार्यों से नासिक तथा त्र्यंबकेश्वर सूरत बदल दें। इससे नासिक एक प्रमुख पर्यटन और तीर्थस्थल बन जाएगा। राज्य सरकार इन कार्यों के लिए अधिग्रहित की जाने वाली भूमि के लिए अच्छा मुआवजा देगी। फडणवीस ने आगे कहा कि ये सभी कार्य पारदर्शी तरीके से किए जाएंगे।
नासिक बनेगा प्रमुख पर्यटन और तीर्थस्थल
12 साल में एक बार आने वाले इस पर्व के लिए धन की कोई कमी नहीं होगी। आज मुख्यमंत्री ने पंचवटी में रामकुंड क्षेत्र का भी दौरा किया और प्रस्तावित 99.14 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे ‘रामकाल पथ’ के बारे में जानकारी ली, जिसमें विभिन्न संरचनाओं का जीर्णोद्धार और संरक्षण तथा पर्यटकों के लिए बुनियादी सुविधाओं में सुधार शामिल है।
अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना से रामकुंड, सीता गुम्फा (गुफा), भगवान कालाराम मंदिर, राम लक्ष्मण गुम्फा और क्षेत्र के अन्य ऐतिहासिक मंदिरों के धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। |