इंटीग्रेटेड डिग्री पांच की जगह चार वर्ष में पूरी करने की मांग
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने बीसीए-एमसीए और बीबीए-एमबीए इंटीग्रेटेड (डुअल डिग्री) प्रोग्राम्स के लिए नई योग्यता मानक जारी किए हैं। यह व्यवस्था शैक्षणिक सत्र 2026-27 से लागू होगी। परिषद ने इन इंटीग्रेटेड कोर्स की अवधि पांच वर्ष तय की है, लेकिन इसे चार वर्ष में पूरी करने की मांग की गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एआइसीटीई के नियमों के अनुसार, पांच वर्षीय बीसीए-एमसीए कोर्स में प्रवेश के लिए 12वीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। जिन छात्रों ने गणित, सांख्यिकी या एकाउंटेंसी पढ़ी है, उनके लिए न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक जरूरी हैं, जबकि आरक्षित वर्ग के लिए यह सीमा 40 प्रतिशत है।
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अलग पृष्ठभूमि वाले छात्रों को विश्वविद्यालय की ओर से गणित, भौतिकी और इंजीनियरिंग जैसे विषयों में ब्रिज कोर्स उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं, पांच वर्षीय बीबीए-एमबीए प्रोग्राम में प्रवेश के लिए 12वीं उत्तीर्ण करना और विश्वविद्यालय की प्रवेश नीति का पालन करना आवश्यक होगा।
एआइसीटीई का कहना है कि इस कदम से छात्रों को समान शैक्षणिक स्तर और बेहतर लर्निंग अनुभव मिलेगा, लेकिन डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय का कहना है कि वर्तमान में बीबीए तीन वर्ष और एमबीए दो वर्ष का है।
ऐसे में अगर इंटीग्रेटेड प्रोग्राम को पांच वर्ष का रखा जाएगा, तो छात्रों का रुझान कम हो सकता है। यह कोर्स चार वर्ष में पूरा होना चाहिए। इसी प्रस्ताव के साथ एकेटीयू परिषद को पत्र भेजेगा।
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