deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

Dussehra 2025: दशहरा के दिन घर के इन प्रमुख स्थान में जलाएं दीपक, खुश होंगी मां लक्ष्मी_deltin51

cy520520 2025-9-29 22:36:44 views 1031

  Dussehra 2025: दशहरा पर करें ये खास उपाय।





धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Dussehra 2025: दशहरा का पर्व हर साल लोग पूर्ण भक्ति के साथ मनाते हैं। यह दिन धन की देवी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा कहते हैं कि इस दिन सही स्थानों पर दीपक जलाने से घर की नकारात्मकता दूर होती है, तो आइए इस आर्टिकल में उन चम्कारी उपाय के बारे में जानते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दीपक से जुड़े उपाय (Dussehra 2025 Diya Rituals)

  


घर का मुख्य द्वार

घर के मुख्य द्वार को सकारात्मक ऊर्जा और मां लक्ष्मी के आगमन का द्वार माना जाता है। यहां दीपक जलाने से राहु के बुरे प्रभाव से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन में शुभता आती है।
शमी पेड़ के नीचे

शमी के पेड़ को विजय, सौभाग्य और धन का प्रतीक माना जाता है। माना जाता है कि भगवान राम ने लंका जाने से पहले शमी वृक्ष की पूजा की थी। ऐसे में दशहरे की शाम को शमी के पौधे के पास घी का दीपक जरूर जलाएं। ऐसा करने से कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिलती है।

mirzapur-crime,Mission Shakti Phase 05,Chunar Circle Officer,One-Day Police Officer,Student Police Initiative,Ggic Chunar,Isha Sahni,Women Empowerment,Administrative Experience,Police Functioning,Civil Services Inspiration,मीरजापुर टाप न्‍यूज,चुनार टाप न्‍यूज,Mirzapur top news, Chunar top news,,Uttar Pradesh news   
घर का पूजा स्थान

घर के पूजा स्थान पर घी का एक अखंड दीपक जलाएं, जो रात भर जलता रहे। ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख और शांति बनी रहती है। साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
तुलसी का पौधा

तुलसी के पौधे को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। दशहरे के दिन शाम को तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए। इससे घर में शुभता का आगमन होता है और आर्थिक तंगी दूर होती है।


पूजन मंत्र

  • ॐ राम ॐ राम ॐ राम ह्रीं राम ह्रीं राम श्रीं राम श्रीं राम -
  • क्लीं राम क्लीं राम। फ़ट् राम फ़ट् रामाय नमः।।
  • लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्। कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये॥ -- आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसम्पदाम्। लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम्।।


यह भी पढ़ें- क्या आप जानते हैं विजयदशमी और दशहरे के बीच का अंतर? मिलता है खास संकेत



यह भी पढ़ें- Dussehra 2025: इस साल कब मनाया जाएगा दशहरे का पर्व, पढ़ें रावण दहन का मुहूर्त

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

cy520520

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

610K

Credits

Forum Veteran

Credits
69575