मनीस पांडेय, बरेली। शादी कर चुकी आंवला क्षेत्र निवासी ग्रामीण की बेटी ने बक्से में रखा दुल्हन का जोड़ा और उनके पति ने कोट-पैंट निकाल लिया। अप्रैल में स्वजन की रजामंदी से गांव में सात फेरे ले चुके दंपती 18 नवंबर को सरकारी मंडप में दोबारा शादी करने की तैयारी में जुटे थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वे सच छिपाकर सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत एक लाख रुपये का लाभ ले पाते, इससे पहले सत्यापन में पोल खुल गई। इनकी तरह जिले के एक हजार अपात्रों के आवेदन निरस्त किए जा चुके हैं। सरकारी योजना में हेराफेरी का यह अंतिम आंकड़ा नहीं है, क्योंकि जांच जारी है। समाज कल्याण विभाग के अधिकारी आशंका जता रहे कि अभी कई अन्य अपात्र सामने आ सकते हैं।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष सरकारी खर्च पर लड़कियों की शादी कराई जाती है। अधिकतम तीन लाख रुपये वार्षिक आय वाले परिवार योजना का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए लड़की पक्ष की ओर से आनलाइन आवेदन किया जाता है। 30 सितंबर तक जिले में 3800 आवेदन आए थे।
जिला समाज कल्याण अधिकारी सुधांशु शेखर ने बताया कि सभी आवेदनों का सत्यापन कराया जाता है। प्रथम चरण में 2500 आवेदनों के सत्यापन के लिए गांवों में खंड विकास अधिकारी एवं नगरीय क्षेत्र में अधिशासी अधिकारी ने टीमें भेजीं।
अभी तक टीमें करीब दो हजार आवेदकों के घर पहुंचीं, आसपास के लोगों से भी उनके बारे में जानकारी जुटाई। जांच में पता चला कि एक हजार आवेदकों ने सच छिपाया। इनमें अधिकतर युवतियों की पूर्व में शादी हो चुकी, इसके बावजूद योजना का लाभ लेने के लिए आनलाइन आवेदन कर दिया।
जांच टीमों ने ऐसे सभी आवेदनों का निरस्त कर दिया। अभी 500 आवेदनों की जांच शेष है, उनमें भी कई अपात्र होने की आशंका है। ऐसे मामलों में पति-पत्नी खुद को अविवाहित दर्शाते हुए सामूहिक विवाह स्थल पर पहुंचकर दोबारा शादी करते हैं, ताकि योजना के अंतर्गत आर्थिक लाभ मिल सके।
सामूहिक विवाह योजना में प्रत्येक युवती पर एक लाख खर्च
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत इस बार जिले में 910 शादियां कराने का लक्ष्य रखा गया। नियमानुसार आवेदक लड़की पक्ष पर सरकार की ओर से एक लाख रुपये खर्च किए जाते हैं। शादी वाले दिन दुल्हन के बैंक खाते में 60 हजार रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं। 25,000 रुपये के उपहार व 15,000 रुपये अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च किए जाते हैं। जिले में 18 व 19 नवंबर को सामूहिक विवाह समारोह बरेली क्लब में प्रस्तावित है।
विविध कार्रवाई का प्रविधान
जांच टीमों का कहना है कि कुछ ग्रामीणों को योजना के नियम-शर्तों की पूरी जानकारी नहीं थी, इसलिए भूलवश अपात्रों के आवेदन करा दिए। इससे इतर कुछ मामले ऐसे भी पता चले कि जानबूझकर सच छिपाया गया, इनकी विस्तृत जांच कराई जाएगी। यदि किसी रैकेट के योजनाबद्ध तरीके से अपात्रों को लाभ दिलाने का झांसा देकर आवेदन कराने की पुष्टि होती है तो विधिक कार्रवाई कराई जाएगी।
इस बार होगी बायोमीट्रिक उपस्थिति
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में इस बार आयोजन स्थल पर ही दूल्हा व दुल्हन की बायोमीट्रिक उपस्थिति आधार कार्ड के आधार पर होगी। इसके लिए समाज कल्याण विभाग ने सभी आवेदकों से उनके आधार कार्ड में फिंगर प्रिंट, चेहरा व आंखें आदि अपडेट करा लेने के लिए कहा है। |