deltin33 • 2025-11-9 16:02:50 • views 795
कार में हेजर्ड लाइट्स इस्तेमाल करने का सही तरीका
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। तेज रफ्तार, गलत दिशा में ड्राइविंग और लापरवाही की वजह से हल साल लाखों लोगों की जान चली जाती है। सड़क सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी दिखाने के एक छोटे लेकिन अहम तरीके में से एक है कार की हेजर्ड या मरजेंसी लाइट्स का सही इस्तेमल करना। बहुत से ड्राइवर इनका गलत इस्तेमाल करते हैं, जिससे फायदा होने के बजाय खतरा बढ़ जाता है। आइए विस्तार में जानते हैं कि हेजर्ड लाइट कब जलानी चाहिए और कब नहीं? विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कब जलाएं हेजर्ड लाइट्स
1. जब कार में खराबी या पंक्चर हो
अगर आपकी कार रास्ते में अचानक बंद हो जाती है या टायर पंचर हो जाता है, तो तुरंत हेजर्ड लाइट्स चालू करें। ये ब्लिंकिंग लाइट्स अन्य ड्राइवरों को संकेत देती हैं कि आपकी गाड़ी में समस्या है। इससे वे दूरी बनाए रखते हुए सुरक्षित रूप से पास हो सकते हैं। सड़क किनारे पार्क करते समय भी हेजर्ड लाइट्स यह बताती हैं कि आपकी कार स्थिर है और चल नहीं रही।
2. दुर्घटना के बाद
अगर किसी दुर्घटना के बाद आपकी कार सड़क के हिस्से को ब्लॉक कर रही है या रास्ते में कोई मलबा पड़ा है, तो हेजर्ड लाइट्स ऑन करना जरूरी है। इससे पीछे से आने वाले वाहनों को पहले से चेतावनी मिलती है और वे समय रहते धीरे होकर दिशा बदल सकते हैं।
3. टो किए जाने के दौरान
जब आपकी कार को टो किया जा रहा हो, तो हेजर्ड लाइट्स चालू रखना जरूरी है। इससे पीछे आने वाले ड्राइवरों को यह साफ पता चलता है कि यह वाहन खुद नहीं चल रहा, और वे सतर्क होकर आगे बढ़ते हैं।
कब नहीं जलानी चाहिए हेजर्ड लाइट्स
1. धुंध या कम दृश्यता में
कई ड्राइवर गलती से फॉग या बारिश में हेजर्ड लाइट्स चालू कर देते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। इससे दूसरे ड्राइवरों को भ्रम होता है कि आपकी कार रुकी हुई है या चल रही है। इस स्थिति में फॉग लैंप्स और लो-बीम हेडलाइट्स का इस्तेमाल करें ताकि आपकी कार स्पष्ट रूप से दिखाई दे और दिशा का अंदाजा लगे।
2. टनल में ड्राइविंग करते समय
टनल से गुजरते समय हेजर्ड लाइट्स चालू करना भी गलत है, क्योंकि यह कोई आपात स्थिति नहीं होती। इससे पीछे आने वाले ड्राइवरों को गलत संकेत मिल सकता है कि आपकी कार रुक गई है। टनल में बस हेडलाइट्स ऑन रखें, जिससे दृश्यता बनी रहे। |
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