मुजफ्फरनगर में GST चोरी करने वाले गैंग का पर्दाफाश, बिहार-पंजाब की फर्जी फर्मों पर FIR

LHC0088 2025-11-9 13:37:12 views 507
  



जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। राज्य कर विभाग की सचल दल इकाई खतौली ने कर चोरी और राजस्व को चूना लगाने वाले एक संगठित नेटवर्क का राजफाश किया है। विभाग को मिली गोपनीय सूचना के आधार पर मीरापुर मार्ग पर कार्रवाई करते हुए टीम ने सात वाहनों को पकड़ा, जिनसे पुराना आयरन स्क्रैप (पुराना लोहा व टीन टप्पर) लदा हुआ था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

वाहनों के दस्तावेजों की जांच में जीएसटी चोरी पकड़ी गई है। हरियाणा, पंजाब, झारखंड और बिहार चार राज्यों की फर्मों और सात चालकों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है।

राज्य कर सचल दल इकाई खतौली सहायक आयुक्त (प्रभारी) नितिन कुमार बाजपेयी ने बताया कि विभागीय जांच में चार, 12, 13 और 28 सितम्बर 2025 को मीरापुर मार्ग पर सात वाहनों को रोका गया था। यह वाहन बिना वैध कागजातों के स्क्रैप मटेरियल लेकर जा रहे थे।

इनमें से पांच वाहनों में ई-वे बिल नहीं था, जबकि दो में ई-वे बिल की समय सीमा समाप्त हो चुकी थी। इनसे संबंधित फर्में बिहार, हरियाणा, पंजाब और झारखंड में पंजीकृत है। इनमें से कई फर्में अस्तित्वहीन या फर्जी पाई गईं। सभी वाहन लगभग एक ही समय पर एक ही मार्ग से गुजर रहे थे, जिससे यह स्पष्ट है कि यह पूर्व नियोजित और संगठित कर चोरी का मामला है।

फर्मों में बिहार के सुपौल की एमएस पीके एंटरप्राइजेज, हरियाणा के अंबाला की एमएस थापा ट्रेडर्स, पंजाब के लुधियाना की एमएस डीएम ट्रेडर्स और झारखंड के कोडरमा की एमएस आरके एंटरप्राइजेज शामिल है। इनमें से थापा ट्रेडर्स और पीके एंटरप्राइजेज को अस्तित्वहीन घोषित कर उनके जीएसटी पंजीकरण सितंबर 2025 को निलंबित कर दिए गए।

सहायक आयुक्त नितिन ने थाना मीरापुर में दर्ज मुकदमे में 11 नामजद व्यक्तियों को आरोपित बनाया है। जिनमें चार फर्मों के संचालक और सात वाहन चालक हैं। फर्म स्वामियों में प्रवीण कुमार (पीके एंटरप्राइजेज, बिहार), कुसुम रानी (डीएम ट्रेडर्स, पंजाब), रोहित थापा (थापा ट्रेडर्स, हरियाणा) और राजकुमार विश्वकर्मा (आरके एंटरप्राइजेज, झारखंड) के नाम शामिल हैं।

जबकि वाहन चालको में सिकंदर अली, सहरोज, गुड्डू, राहुल, मोहम्मद अकिल, उमेश कुमार यादव और मोहम्मद शरीफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। थाना मीरापुर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मीरापुर थानाध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह का कहना है कि अब इस नेटवर्क से जुड़ी अन्य फर्मों, बिचौलियों और ट्रांसपोर्ट संचालकों की भूमिका की भी जांच कर रही है।
घोषित व्यापार स्थल से अलग स्थानों से लोड किया माल

वाहनों में लदा माल घोषित व्यापार स्थल से अलग स्थानों से लोड किया गया था, जिससे यह संदेह गहरा गया कि माल के स्रोत को छिपाने और रिकार्ड में हेराफेरी की गई। फर्मों द्वारा एक ही माल के लिए अलग-अलग इनवाइस तैयार किए गए और पकड़े जाने के बाद ई-वे बिल जारी किए गए। माल का मूल्य वास्तविक बाजार मूल्य से काफी कम दिखाया गया था, ताकि टैक्स बचाया जा सके।
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com