राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों को मरीजों के इलाज के भुगतान के रूप में जनवरी 2025 से अब तक 3540 करोड़ रुपये दिया गया है। जून में स्टेट एजेंसी फार काम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) के खातों से 9.54 करोड़ रुपये निकालने का मामला सामने आया था। इसके बाद से भुगतान प्रणाली को सुरक्षित करने में नेशनल हेल्थ अथारिटी (एनएचए) और साचीज की टीम जुटी थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जून 2025 में साचीज की भुगतान प्रणाली में सेंध लगाकर 9.54 करोड़ रुपये कई खातों में भेज दिए गए थे। इसमें 11 जिलों के 39 अस्पतालों की मिलीभगत पाई गई थी। इस मामले के सामने आने के बाद अस्पतालों से रुपया वापस लिया गया। साथ ही सभी की संबद्धता रद कर दी गई थी।
इसके बाद से ही साचीज अपनी भुगतान प्रणाली को सुधारने में जुटा था। अब अस्पतालों के दावों की कृत्रिम बुद्धिमता (एआइ) आधारित साफ्टवेयर से जांच की जाती है। इसके बाद दो स्तरों पर अनुमोदन के बाद ही भुगतान किया जाता है।
इसके अलावा भुगतान प्रणाली को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए इलाज के दावे के दस्तावेजों के साथ मरीज और डाक्टर की फोटो लगाना अनिवार्य किया गया है। इन अस्पतालों को लाभार्थियों के इलाज से संबंधित दावों की आनलाइन जांच व भुगतान की सुविधा दी गई है। आयुष्मान भारत योजना से प्रदेश के 5901 सरकारी व निजी अस्पताल सूचीबद्ध हैं। |
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