महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से 8.33% अधिक। सांकेतिक फोटो
जागरण संवाददाता छपरा। सारण जिले में विधानसभा चुनाव के दौरान इस बार महिलाओं ने मतदान में अपनी निर्णायक उपस्थिति दर्ज कराई है। जिले की कुल 10 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान के आंकड़ों से स्पष्ट है कि आधी आबादी ने लोकतंत्र के उत्सव में बढ़-चढ़कर भाग लिया और पुरुषों के मुकाबले कहीं आगे रहीं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पूरे जिले में जहां पुरुष वोटरों का औसत मतदान 59.93 प्रतिशत रहा, वहीं महिलाओं का औसत मतदान 68.26 प्रतिशत दर्ज किया गया, जो पुरुषों से पूरे 8.33 प्रतिशत अधिक है। यह अंतर सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का संकेत भी देता है।
महिलाओं के उत्साह ने कई सीटों पर मतदान प्रतिशत को नए आयाम दिए। सोनपुर, अमनौर, परसा, तरैया, मढ़ौरा और बनियापुर जैसी सीटों पर महिला मतदाताओं ने उल्लेखनीय बढ़त बनाई।
तरैया में महिलाओं की वोटिंग 71.36%, मढ़ौरा में 71.70%, अमनौर में 73.74% और परसा में 72.12% दर्ज की गई, जो जिले में सबसे अधिक है। वहीं पुरुषों की वोटिंग अधिकांश सीटों पर 55% से 62% के बीच रही।
पलायन की समस्या लंबे समय से चर्चा में रही है। इन चुनावी आंकड़ों में भी इसका असर साफ झलकता है। पुरुषों के बड़े पैमाने पर बाहर रहने के कारण कई स्थानों पर महिलाओं ने वोटिंग की जिम्मेदारी अकेले निभाई।
यही वजह है कि महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से काफी अधिक दिखाई दी। चुनाव विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाओं की यह सक्रिय भागीदारी न सिर्फ राजनीतिक चेतना का प्रतीक है, बल्कि यह भी बताती है कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में महिलाएं अपने अधिकारों को लेकर ज्यादा सजग हुई हैं।
कुल मिलाकर, सारण जिले में कुल 63.86 प्रतिशत मतदान हुआ है। सारण की महिलाओं ने संदेश दिया है कि आधी आबादी अब सिर्फ संख्या नहीं, बल्कि लोकतंत्र की असली ताकत बनकर उभर रही हैं। |