जागरण संवाददाता, मेरठ। हापुड़ रोड से दिल्ली रोड हाेते हुए दिल्ली-दून बाईपास तक रिंग रोड बनाने कब बनेगी। यह प्रश्न एक बार फिर चिढ़ाने लगा है। ऐसा इसलिए क्योंकि रोड बनाने के लिए जमीन कब खरीदी जाएगी किसी को पता नहीं। रोड कब बनेगी किसी को पता नहीं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
संबंधित विभाग मेरठ विकास प्राधिकरण मेडा और लोक निर्माण विभााग पीडब्ल्यूडी फिर एक दूसरे के पाले में गेंद डालने लगे हैं। मेडा का कहना है कि खरीदारी से संबंधित सभी कार्य पीडब्ल्यूडी को करना है, पीडब्ल्यूडी के पास सभी आवश्यक दस्तावेज हैं जबकि पीडब्ल्यूडी ने कहा कि उन्हें मेडा की ओर से अभी कुछ बताया ही नहीं गया। पत्र दिया गया न ही दस्तावेज।
मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) की बोर्ड बैठक में निर्णय हुआ था कि जमीन की खरीद पीडब्ल्यूडी करेगा और सड़क भी यही विभाग बनाएगा। यह भी तय हुआ था कि रिंग रोड की जमीन खरीदने के लिए 100 करोड़ रुपये मेडा देगा जबकि 62 करोड़ रुपये शासन से मिलेंगे।
रिंग रोड निर्माण के लिए 15 हेक्टेयर जमीन खरीदी जाएगी। सुंदरा पूठा और रिठानी गांव से 2.7 हेक्टेयर जमीन खरीदी जाएगी जबकि गूमी, बुढेड़ा जाहिदपुर व जुर्रानपुर गांव से 12 हेक्टेयर जमीन खरीदी जाएगी। पहले दो गांवों से जमीन खरीदने पर लगभग 21 करोड़ रुपये और बाकी तीन गांवों से जमीन खरीदने पर लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इसके साथ ही निबंधन आदि शुल्क मिलाकर कुल 162 करोड़ रुपये बैनामा प्रक्रिया में खर्च होंगे। इसके लिए 100 करोड़ रुपये मेडा अपने कोष से देगा जबकि 62 करोड़ रुपये शासन से मिलेंगे। रिंग रोड के लिए एलाइनमेंट सर्वे पहले ही हो गया था। रिंड रोड 24 मीटर चौड़ी बनेगी। भविष्य में चौड़ाई बढ़ाने के लिए दोनों तरफ 10-10 मीटर जमीन आरक्षित कर दी जाएगी।
रिंग रोड की जमीन खरीदने के संबंध में मेडा की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है। जब कोई पत्र व संबंधित दस्तावेज मिल जाएंगे तब प्रक्रिया शुरू की जाएगी। -सत्येंद्र कुमार, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी।
रिंग रोड के लिए पीडब्ल्यूडी को जमीन खरीदनी है। बोर्ड बैठक में निर्णय हुआ था उसके मिनट्स भी जारी हो गए हैं। पीडब्ल्यूडी को बताया गया था कि जैसे-जैसे जमीन की खरीद करते जाएंगे उसी क्रम में धनराशि का भुगतान होता रहेगा। मेडा ने इसके लिए 100 करोड़ रुपये आरक्षित कर रखे हैं। एलाइनमेंट सर्वे की रिपोर्ट भी पीडब्ल्यूडी के पास है। यदि किसी दस्तावेज की आवश्यकता है या कमी है तो संबंधित विभाग को बताना चाहिए। -मानवेंद्र सिंह, मुख्य अभियंता, मेडा।
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