आगरा के सींगना में शुक्रवार को लेदर फुटवियर एवं कंपोनेंट फेयर मीट एट आगरा का शुभारंभ करते मंत्री नंद गोपाल नंदी। फोटो: जागरण
जागरण संवाददाता, आगरा। सींगना स्थित आगरा ट्रेड सेंटर में शुक्रवार से तीन दिवसीय जूता फेयर की शुरुआत हो गई। कंपोनेंट, मशीनरी फेयर में भारत सहित 50 देशों के प्रदर्शक प्रतिभाग कर रहे हैं। निर्यात बढ़ाने के प्रयास होंगे और गुणवत्ता बढ़ाने पर चिंतन होगा। तकनीक सत्र में प्रशिक्षित किया जाएगा तो नवाचार को लेकर भी प्रयास होंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयास होंगे तो सौर ऊर्जा के माडल पर इकाईयों को लाने के लिए माडल का प्रदर्शन होगा। आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैंबर (एफमेक) द्वारा आयोजित होने वाले मीट एट आगरा के 17वें संस्करण में आगरा ट्रेड सेंटर में विभिन्न देशों के 250 से अधिक प्रदर्शक शामिल हो रहे हैं।
फेयर का उद्घाटन शुक्रवार को औद्योगिक विकास एवं निर्यातक प्रोत्साहन कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने किया। एफमेक अध्यक्ष गोपाल गुप्ता ने कहा कि चमड़ा उद्योग में नई रचनात्मकता, प्रेरणा और नवाचार का फेयर से प्रोत्साहन होगा।
सीएलई के चेयरमैन राजेंद्र कुमार जालान विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।उद्योग जगत को नवीनतम कंपाेनेंट और तकनीकि जानकारी प्राप्त होगी और इंडस्ट्री को नई दिशा देने वाला एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। भारत की फुटवियर इंडस्ट्री वर्तमान में लगभग 95 हजार करोड़ रुपये के घरेलू बाजार आकार तक पहुंच चुकी है।
वहीं वर्ष 2024-25 में 5.7 बिलियन अमेरिकी डालर का निर्यात दर्ज किया गया है। देश का यह क्षेत्र अब 1.5 मिलियन से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार दे रहा है और मीट एट आगरा इसे गति प्रदान कर रहा है। इंडस्ट्रीज़ के लिए सुरक्षा समाधान के लिए फायर फाइटिंग सिस्टम तथा ऊर्जा समाधान के रूप में सौर ऊर्जा प्लांट का भी विशेष डिस्प्ले किया जाएगा।
सेमिनार्स के माध्यम से फ़ाइनेंस संबंधी जानकारी दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि स्टाल पर चमड़ा, सोल, शू एडेसिव, मशीनरी और फुटवियर निर्माण के अन्य घटकों का प्रदर्शन किया जाएगा।
फुटवियर एवं चमड़ा उद्योग विकास परिषद के चेयरमैन एवं एफमेक के पूर्व अध्यक्ष पूरन डावर ने कहा कि फेयर व्यापारिक अवसरों को बढ़ाने का ही नहीं बल्कि फुटवियर उद्योग में प्रशिक्षण ले रहे विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण शिक्षण मंच भी प्रस्तुत करता है।
संस्थापक अध्यक्ष दलजीत सिंह ने कहा कि युवा प्रतिभागी उद्योग की नवीनतम तकनीकों, उत्पादों और व्यापारिक रणनीतियों के बारे में सीख सकते हैं, जो उनके करियर विकास में सहायक साबित होगा। यह सिर्फ एक व्यापारिक मेला नहीं, बल्कि उद्योग के सभी हिस्सों को जोड़ने वाला एक समग्र प्लेटफार्म है।
उपाध्यक्ष राजीव वासन ने कहा कि फुटवियर कंपोनेंट इंडस्ट्री जब मजबूत होगी तभी अच्छा जूता बन सकेगा। फेयर कंपोनेंट इंडस्ट्री और मैन्युफैक्चरर्स के बीच सेतु की तरह काम कर रहा है। इस बार तकनीकी सत्रों में डिजाइन ट्रेंड्स, मैन्युफैक्चरिंग तकनीक और मार्केटिंग स्ट्रटजी जैसे विषयों पर विशेषज्ञ चर्चा होगी।
उपाध्यक्ष राजेश सहगल ने कहा कि भारतीय फुटवियर बाज़ार को 2030 तक 47 बिलियन डालर तक बढ़ाया जा सकता है। यह वृद्धि मुख्य रूप से गैर चमड़े के जूतों जैसे स्पोर्ट्स, रनिंग, कैज़ुअल वियर और स्नीकर्स की बढ़ती मांग के बल पर संभव है।
यह हमारे लिए अवसर का समय है अब हमें अपने उत्पाद की गुणवत्ता को वैश्विक मानकों के अनुरूप और मजबूत बनाना होगा। द शू फेक्टर्स फेडरेशन के अध्यक्ष विजय सामा ने कहा कि आगरा के हुनर को मंच और प्रसार देना वाला आयोजन है।
महत्वपूर्ण आंकड़े
- 7200 वर्ग मीटर से अधिक के क्षेत्र में लगेंगे स्टाल
- 250 प्रदर्शक
- 8000 संभावित ट्रेड विजिटर्स
- 25,000 संभावित विजिटर्स फुटफाल
मिलेगा अवार्ड
फेयर में पहले दिन कैबिनेट मंत्री द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में निर्यात और घटकों के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पांच समूहों को “एक्सीलेंस अवार्ड” से सम्मानित किया जाएगा। प्रतिदिन सेमिनार और तकनीकी सत्र आयोजित होंगे। अंतिम दिन बेस्ट एग्जीबिटर्स को सम्मानित किया जाएगा।
ये रहे मौजूद
इस मौके पर आयोजन समिति चेयरमैन कुलवीर सिंह, सिफी के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र सिंह लवली, जूता उद्यमी चंद्रमोहन सचदेवा, रेणुका डंग, एफएएफएम के अध्यक्ष कुलदीप कोहली, नकुल मनचंदा, ललित अरोरा मौजूद थे। |